जम्मू कश्मीर विस चुनाव : लोकसभा चुनाव के बाद बसोहली सीट से लाल सिंह की एक बार फिर हार |

जम्मू कश्मीर विस चुनाव : लोकसभा चुनाव के बाद बसोहली सीट से लाल सिंह की एक बार फिर हार

जम्मू कश्मीर विस चुनाव : लोकसभा चुनाव के बाद बसोहली सीट से लाल सिंह की एक बार फिर हार

:   Modified Date:  October 8, 2024 / 02:53 PM IST, Published Date : October 8, 2024/2:53 pm IST

जम्मू, आठ अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी लाल सिंह को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में उनके पारंपरिक गढ़ बसोहली सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दर्शन कुमार ने हरा दिया।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, 66 वर्षीय लाल सिंह ने 15,840 वोट हासिल किए लेकिन वह कुमार से 16,034 मतों के अंतर से हार गए। कुमार शुरुआत से ही बढ़त बनाए हुए थे और उन्हें 31,874 वोट मिले।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी पंकज कुमार और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार को 368-368 वोट मिले। दोनों की जमानत जब्त हो गई।

अपनी जीत की घोषणा के बाद कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें इस सीट पर जीत दर्ज करने और पार्टी की बहुमत दिलाने में योगदान करने का भरोसा था। मतदाताओं ने विकास और शांति के हमारे एजेंडे का समर्थन किया। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं। मैं उनके सामने विनम्रतापूर्वक नतमस्तक हूं।’’

बसोहली से कारोबारी कुमार (48) ने क्षेत्र के विकास को प्रमुखता देने का संकल्प जताया।

तीन बार के विधायक और दो बार के सांसद रहे चौधरी लाल सिंह के लिए अपने पारंपरिक गढ़ में चौथी बार जीत हासिल करना चुनौतीपूर्ण रहा।

लाल सिंह इससे पहले 2014, 2019 और 2024 में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से लगातार तीन आम विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री ने बसोहली क्षेत्र में 14,000 मतों की बढ़त हासिल की थी।

छात्र नेता के तौर पर अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले लाल सिंह 1996 में पहली बार विधायक चुने गए थे। 2002 में वह फिर से विधायक चुने गए और उनहोंने कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन सरकार में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के रूप में सेवा दी थी। बाद में उन्होंने 2004 और 2009 में लोकसभा चुनावों में उधमपुर सीट से जीत दर्ज की।

जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय से कला में स्नातक लाल सिंह इस साल लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। कठुआ बलात्कार मामले के बाद 2018 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी।

वर्ष 2018 में भाजपा से अलग होने के बाद उन्होंने ‘‘डोगरा गौरव’’ की वकालत करते हुए डोगरा सुभिमान संगठन आंदोलन शुरू किया, जिसमें महाराजा हरि सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश और जम्मू के लिए एक अलग राज्य की मांग की गई।

वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक धनशोधन मामले का भी सामना कर रहे हैं और कुछ समय के लिए उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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