जामिया के छात्रों ने 17 साथियों के निलंबन के विरोध में कक्षाओं का बहिष्कार किया, ज्ञापन सौंपा |

जामिया के छात्रों ने 17 साथियों के निलंबन के विरोध में कक्षाओं का बहिष्कार किया, ज्ञापन सौंपा

जामिया के छात्रों ने 17 साथियों के निलंबन के विरोध में कक्षाओं का बहिष्कार किया, ज्ञापन सौंपा

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Modified Date: February 17, 2025 / 07:37 PM IST
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Published Date: February 17, 2025 7:37 pm IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के कई छात्रों ने दो पीएचडी छात्रों के खिलाफ पूर्व में की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने वाले 17 छात्रों के निलंबन के विरोध में सोमवार को कक्षाओं का बहिष्कार किया।

छात्रों का समर्थन करते हुए बिहार के काराकाट से सीपीआई-माले लिबरेशन के सांसद राजा राम सिंह ने जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के कुलपति मजहर आसिफ से छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने और ‘छात्रों के व्यक्तिगत विवरण को अवैध रूप से प्रकाशित करने’ के लिए विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर को हटाने का आग्रह किया।

वामपंथी दलों से संबद्ध अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) ने विश्वविद्यालय पर छात्रों की सक्रियता को दबाने का आरोप लगाया। आइसा ने ही बहिष्कार का आह्वान किया था।

छात्र संगठन ने एक बयान में कहा, ‘जामिया प्रशासन हमें बाहर कर सकता है, लेकिन हमारे प्रतिरोध को दबा नहीं सकता। दमन के खिलाफ छात्र एकजुट हैं। हम चुप रहने से इनकार करते हैं।’

प्रदर्शनकारी छात्रों ने हाइजीनिक कैंटीन से ‘डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर’ (डीएसडब्ल्यू) के कार्यालय तक मार्च निकाला और निलंबन को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया है, ‘डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर के रूप में आपसे छात्रों के कल्याण के बारे में चिंतित होने की अपेक्षा की जाती है। हालांकि, इन 17 छात्रों के खिलाफ परिसर में हो रही घटनाएं उस जिम्मेदारी के अनुरूप नहीं हैं।’

आइसा से जुड़े जामिया के छात्र उमैर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि छात्रों ने मांगें पूरी करने के लिए विश्वविद्यालय को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।

इस मामले पर जामिया प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो सकी।

इस बीच, कुलपति को लिखे पत्र में सिंह ने लिखा, ‘जामिया प्रशासन ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए दो छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है और 17 अन्य को निलंबित कर दिया है। क्या लोकतंत्र के लिए समर्थन व्यक्त करना और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखना गलत था?’

सांसद ने पत्र में कहा कि जामिया के चीफ प्रॉक्टर को छात्रों के व्यक्तिगत विवरण अवैध रूप से प्रकाशित करने के लिए पद से हटाया जाना चाहिए और छात्रों को विरोध करने और लोकतांत्रिक परिसर के लिए लड़ने के अपने अधिकार का प्रयोग करने में स्पष्ट समर्थन प्रदान किया जाना चाहिए।

पिछले शुक्रवार को जामिया के छात्रों ने प्रशासन पर परिसर के गेट पर कथित प्रदर्शनकारियों के नाम, फोटो, पते और फोन नंबर प्रदर्शित करके उनकी निजता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।

आइसा नेता सोनाक्षी गुप्ता ने कहा, ‘यह सिर्फ निजता का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह उत्पीड़न और हिंसा का खुला आह्वान है, खासकर युवा महिलाओं को निशाना बनाकर।’

यह अशांति तब शुरू हुई जब विश्वविद्यालय ने दिसंबर 2024 में कथित रूप से अनधिकृत विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए दो पीएचडी छात्रों को निलंबित किया था।

आइसा के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन ने रातों-रात 17 छात्रों को निलंबित कर दिया, जिससे बहिष्कार में व्यापक भागीदारी शुरू हो गई।

पंद्रह दिसंबर 2024 को जामिया प्रतिरोध दिवस के आयोजन में दो पीएचडी छात्रों की भूमिका की समीक्षा के लिए 25 फरवरी को एक अनुशासन समिति की बैठक होने वाली है।

भाषा

शुभम नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)