श्रीनगर, 24 दिसंबर (भाषा) शहर स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में शुक्रवार को लगातार 20वें सप्ताह भी सामूहिक रूप से जुमे की नमाज नहीं हो पाई।
अधिकारियों ने मस्जिद को लगातार बंद रखने का कोई कारण नहीं बताया, जिसे केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मद्देनजर अगस्त 2019 के शुरू में बंद कर दिया गया था।
जामिया मस्जिद 14 वीं शताब्दी की इमारत है और यह घाटी में एकमात्र प्रमुख इबादत स्थल है, जिसे अधिकारियों द्वारा सामूहिक नमाज के लिए बंद कर दिया गया।
मस्जिद को दिसंबर 2019 में कुछ समय के लिए खोला गया था, लेकिन अप्रैल में फिर से बंद कर दिया गया क्योंकि सरकार ने कोविड-19 के चलते बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी थी।
इस साल अगस्त के पहले शुक्रवार को नमाज की इजाजत दी गई थी, लेकिन तब से मस्जिद बंद है।
मस्जिद संबंधी कार्य का प्रबंधन करने वाली अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद श्रीनगर ने फैसले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
अंजुमन ने एक बयान में कहा कि अंजुमन और कश्मीर के मुसलमान यह नहीं समझ पा रहे हैं कि एक तरफ जम्मू-कश्मीर में सभी इबादत स्थल-मस्जिदें, दरगाह आदि जुमे की नमाज के लिए खुले हैं, लेकिन केवल जामिया मस्जिद श्रीनगर को ही लगातार क्यों बंद रखा जा रहा है। इसने कहा कि इस मस्जिद को लगातार बंद रखा जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है।
भाषा
नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
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