बेंगलुरु, 24 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि यह एक त्रासदी है कि शिक्षित लोग अधिक संख्या में जातिवादी होते जा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कि समाज को धर्म और जाति के नाम पर विभाजित किया जा रहा है जिससे असमानता बढ़ेगी।
गांधी स्मारक निधि के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में गांधी भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘21वीं सदी के लिए महात्मा गांधी’ का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री बोल रहे थे।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘जाति व्यवस्था के कारण बहुत से लोग शिक्षा से वंचित रह गए जिससे असमानता बढ़ी है। यह एक त्रासदी है कि शिक्षित लोग अधिक संख्या में जातिवादी होते जा रहे हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि जातिगत असमानता के पोषकों ने महात्मा गांधी की हत्या की।
मुख्यमंत्री के हवाले से उनके कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘गांधी के विचार और समाज को दिया गया मार्गदर्शन 20वीं सदी तक ही सीमित नहीं है, वे आज भी प्रासंगिक हैं। गांधीजी ने जीवन भर शांति, सत्य, न्याय और भाईचारे का जश्न मनाया। उनका मानना था कि अगर पूरी दुनिया एक-दूसरे से प्यार करने का गुण अपनाए , तो पूरा समाज आराम से रह सकता है।’’
उचित वैज्ञानिक शिक्षा की कमी के कारण कई लोगों के अंधविश्वास और ‘कर्म सिद्धांत’ का पालन करने के मद्देनजर उन्होंने कहा कि 850 साल पहले बसवन्ना (12वीं शताब्दी के आध्यात्मिक नेता और एक समाज सुधारक) और उनके अनुयायियों ने ‘कर्म’ के सिद्धांत को सिरे से खारिज कर दिया था।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर अफसोस जताया कि आज के शिक्षित लोग अब भी ‘कर्म’ के सिद्धांत में विश्वास करते हैं।
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संतोष माधव
माधव
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