ISRO GSLV-F15 Mission Launch Form Sriharikota on 29th January

ISRO GSLV-F15 Mission : एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार ISRO.. 29 जनवरी को सैटेलाइट लॉन्चिंग का लगेगा शतक, जानें इस मिशन से जुड़ा पूरा अपडेट

ISRO GSLV-F15 Mission : इसरो 29 जनवरी को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना 100वां उपग्रह प्रक्षेपित करेगा।

Edited By :  
Modified Date: January 25, 2025 / 02:35 PM IST
,
Published Date: January 25, 2025 2:35 pm IST

बेंगलुरु। ISRO GSLV-F15 Mission : भारत लगातार अंतरिक्ष की दुनिया में अपनी ताकत दिखाता जा रहा है। भारत ने पिछले 1 साल में कई मिशन सफलता पूर्वक लॉन्च किए हैं। तो वहीं अब एक बार फिर भारत अपनी एक नई ताकत अंतरिक्ष में दिखाने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 29 जनवरी को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना 100वां उपग्रह प्रक्षेपित करेगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एजेंसी जीएसएलवी-एफ15 एनवीएस-02 मिशन के प्रक्षेपण की तैयारी कर रही है।

read more : Tahawwur Rana Extradition News : तहव्वुर राणा लाया जाएगा भारत.. अमेरिका की कोर्ट ने दे दी प्रत्यार्पण की मंजूरी, इस बड़े हमले का है मास्टरमाइंड 

इसरो ने एक बयान में कहा कि स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ जीएसएलवी-एफ15 एनवीएस-02 उपग्रह को भूसमकालिक स्थानांतरण कक्षा में स्थापित करेगा और प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से किया जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि एनवीएस-02 में सटीक समय अनुमान के लिए स्वदेशी और खरीदी गई परमाणु घड़ियों के संयोजन का उपयोग किया गया है। इसरो ने कहा कि जीएसएलवी-एफ15 भारत के भूसमकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) की 17वीं उड़ान और स्वदेशी क्रायो चरण के साथ 11वीं उड़ान है।

जीएसएलवी-एफ15 एनवीएस-02 मिशन

एनवीएस-02, एनएवीआईसी उपग्रहों की नई पीढ़ी का हिस्सा है जो मई 2023 में लॉन्च किए गए एनवीएस-01 की श्रेणी में शामिल हो रहा है। 2250 किलोग्राम के लिफ्ट-ऑफ द्रव्यमान और लगभग 3 किलोवाट की पावर हैंडलिंग क्षमता वाले एनवीएस-02 को एल1, एल5 और एस बैंड को कवर करने वाले उन्नत नेविगेशन पेलोड के साथ डिज़ाइन किया गया है। इसके अतिरिक्त, यह अपने पूर्ववर्ती एनवीएस-01 के समान सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड से लैस है। यह उपग्रह 111.75 ई स्थिति पर आईआरएनएसएस-1ई की जगह लेगा, जिससे एनएवीआईसी प्रणाली की सटीकता और विश्वसनीयता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

यू आर सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) में विकसित और एकीकृत एनवीएस-02 उपग्रह प्रक्षेपण के लिए अपनी तत्परता सुनिश्चित करने के लिए थर्मोवैक और गतिशील परीक्षणों सहित व्यापक परीक्षण से गुजरा है। इसे पांच जनवरी, 2025 को एसडीएससी शार के लिए रवाना किया गया था और वर्तमान में यह प्रक्षेपण-पूर्व अभियान गतिविधियों से गुजर रहा है। उपग्रह को जनवरी 2025 में प्रक्षेपित किया जाना है जो भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

 

 

Follow Us

Follow us on your favorite platform:

ISRO का GSLV-F15 मिशन क्या है?

GSLV-F15 मिशन इसरो का 100वां उपग्रह प्रक्षेपण है। इसे 29 जनवरी को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन एनवीएस-02 उपग्रह को भूसमकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में स्थापित करेगा।

एनवीएस-02 उपग्रह में क्या विशेषताएं हैं?

एनवीएस-02 उपग्रह में उन्नत नेविगेशन पेलोड है जो एल1, एल5 और एस बैंड को कवर करता है। इसमें परमाणु घड़ियों का संयोजन भी किया गया है, जिससे सटीक समय अनुमान की सुविधा मिलती है।

यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए कितना महत्वपूर्ण है?

GSLV-F15 का यह प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह नेविगेशन उपग्रहों की नई पीढ़ी को लॉन्च करेगा, जिससे भारतीय नेविगेशन प्रणाली की सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार होगा।

GSLV-F15 मिशन की लॉन्चिंग कहाँ से की जाएगी?

इस मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा।

एनवीएस-02 उपग्रह का उद्देश्य क्या है?

एनवीएस-02 उपग्रह भारतीय नेविगेशन प्रणाली (NAVIC) का हिस्सा है और यह अपनी पूर्ववर्ती एनवीएस-01 उपग्रह की जगह लेकर सटीक नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेगा, जिससे उपग्रहों की प्रणाली की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
 
Flowers