Aditya L1 Mission

Aditya L1 Mission: सैल्यूट ISRO, चांद के बाद सूरज पर भारत ने गाड़े झंडे! अब खुलेंगे सूरज से जुड़े कई अनसुलझे रहस्य

Aditya L1 Mission ISRO ने रचा इतिहास, सूर्य के रहस्य सुलझाने आदित्य-L1 पहुंचा अपनी मंजिल, PM मोदी ने दी बधाई

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Modified Date: January 6, 2024 / 07:03 PM IST
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Published Date: January 6, 2024 7:03 pm IST

Aditya L1 Mission: भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इंडिया किसी से कम नहीं है। मिशन चंद्रयान सफल होने के बाद इसरो ने आज एक और नया और बड़ा इतिहास रचा है। आज का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रहा है। सूर्य के रहस्यों का खोज के मिशन पर निकला आदित्य L-1 ने लैग्रेंज प्वाइंट-1 (L1) पर पहुंच गया है। आदित्य L1 सूर्य का अध्ययन करने वाला देश का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन है। ये पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर अपने फाइनल डेस्टिनेशन ऑर्बिट में पहुंचा है। आदित्य एल-1 यहां लगभग दो सालों तक रहेगा। जो सूरज से जुड़े कई रहस्यों को सुलझाएगा।

Aditya L1 Mission: इसरो का अंतरिक्ष यान आदित्य L1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (L 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंचा है। ‘L1 प्वाइंट’ पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग 1% है। ‘L1 प्वाइंट’ के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा सकता है। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके असर का निरीक्षण करने में अधिक फायदा मिलेगा।

Aditya L1 Mission: ISRO ने इस मिशन को लेकर कहा कि हेलो (Halo) कक्षा में आदित्य-L1 का प्रवेश करना एक बहुत क्रिटिकल मिशन चरण है, जिसके लिए सटीक नेविगेशन और नियंत्रण की जरूरत होती है। ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष यान की गति और स्थिति के एडजस्टमेंट के साथ-साथ निरंतर निगरानी भी शामिल थी। ऑर्बिट में स्थापित होने की सफलता न केवल इस तरह के जटिल कक्षीय युद्धाभ्यास में ISRO की क्षमताओं को दर्शाती है, बल्कि ये भविष्य के इंटरप्लेनेटरी मिशनों को संभालने का आत्मविश्वास भी देती है।

PM मोदी ने दी ISRO को बधाई

Aditya L1 Mission: ISRO की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए X पर लिखा है कि ‘भारत ने एक और मील का पत्थर हासिल किया। भारत की पहली सोलर ऑब्जरवेटरी आदित्य-L 1 अपनी मंजिल तक पहुंच गया। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।

 

राष्ट्रपति ने भी दी बधाई

Aditya L1 Mission: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी ISRO की इस सफलता पर बधाई दी है, उन्होंने X पर लिखा है कि इस महान उपलब्धि के लिए पूरे भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को बधाई! यह मिशन सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगा और पूरी मानवता को लाभान्वित करेगा।

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