चिन्मय दास का पक्ष रखने के इच्छुक वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे बांग्लादेश: इस्कॉन कोलकाता |

चिन्मय दास का पक्ष रखने के इच्छुक वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे बांग्लादेश: इस्कॉन कोलकाता

चिन्मय दास का पक्ष रखने के इच्छुक वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे बांग्लादेश: इस्कॉन कोलकाता

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Modified Date: December 3, 2024 / 07:18 PM IST
Published Date: December 3, 2024 7:18 pm IST

कोलकाता, तीन दिसंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) कोलकाता ने मंगलवार को बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ चल रहे मुकदमे में उनका प्रतिनिधित्व करने के इच्छुक वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस्कॉन कोलकाता ने यह अपील दास के वकील पर हुए क्रूर हमले के बाद की है।

इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोमवार को दावा किया कि चिन्मय कृष्ण दास का बचाव कर रहे रमन रॉय पर बांग्लादेश में उनके घर पर इस्लामी कट्टरपंथियों के एक समूह ने हमला किया।

बांग्लादेश की एक अदालत ने मंगलवार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हिंदू संत की जमानत याचिका पर सुनवाई अगले महीने तक के लिए टाल दी, क्योंकि उनकी ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ।

राधारमण दास ने हिंदू संत का पक्ष रखने के वास्ते “किसी वकील के उपस्थित न होने” के लिए बांग्लादेश सरकार की आलोचना की और कहा कि यह बुनियादी मानवाधिकारों के खिलाफ है।

राधारमण दास ने कहा, “यह देखना बहुत निराशाजनक है कि बचाव पक्ष का कोई वकील वहां नहीं था। क्या यही न्याय है? क्या इस तरह से आप स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय प्रदान करते हैं? हम बांग्लादेश सरकार से इस मामले पर गौर करने का आग्रह करेंगे।”

राधारमण दास के अनुसार, सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए रॉय पर हमले के बाद चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई नया वकील आगे नहीं आया है।

उन्होंने कहा, “अभी तक उनका केस लड़ने के लिए कोई नया वकील सामने नहीं आया है। जो लोग चाहते हैं, उन्हें डर है कि कहीं उन्हें भी रॉय जैसा ही अंजाम न भुगतना पड़े। हम बांग्लादेश सरकार से अनुरोध करेंगे कि वह इस मामले को लड़ने के लिए इच्छुक वकीलों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए।”

आज शाम एक पोस्ट में राधारमण दास ने दावा किया कि पहले दिन दास का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अन्य वकील रेगन आचार्य पर भी हमला किया गया है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “जिस दिन चिन्मय कृष्ण प्रभु को पहली बार गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया गया, उस दिन उनके एक वकील रेगन आचार्य थे। सुनवाई के बाद उनके चैंबर में तोड़फोड़ की गई और उन पर बेरहमी से हमला किया गया। इस वीडियो में उनके चैंबर के साइनबोर्ड पर बंगाली में उनका नाम लिखा हुआ दिखाई दे रहा है। चिन्मय कृष्ण दास के लिए कोई वकील कैसे पेश हो सकता है, जब उन्हें निशाना बनाया जा रहा हो?…”

बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वह एक रैली में भाग लेने के लिए चटगांव जा रहे थे। पड़ोसी देश की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए जेल भेज दिया था।

भाषा प्रशांत धीरज

धीरज

 

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