कोलकाता, दो जनवरी (भाषा) कोलकाता स्थित अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) ने बृहस्पतिवार को पड़ोसी देश बांग्लादेश की एक अदालत द्वारा देशद्रोह के मामले में हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को जमानत देने से इनकार किए जाने को ‘दुखद’ करार दिया।
कोलकाता इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा कि मामले की सुनवाई का एकमात्र सकारात्मक पक्ष यह था कि हिंदू संत का प्रतिनिधित्व वकीलों द्वारा किया गया, जो बांग्लादेश की अदालत के समक्ष मामले की पिछली सुनवाई में नहीं किया जा सका था।
राधारमण दास ने कहा, “यह दुखद है कि उनकी जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया गया। हमें उम्मीद थी कि नव वर्ष में उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।”
बांग्लादेश की एक अदालत ने देशद्रोह के एक मामले में इस्कॉन के पूर्व संत चिन्मय कृष्ण दास को बृहस्पतिवार को जमानत देने से इनकार कर दिया।
प्रवक्ता ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास के वकील बांग्लादेश की उच्च अदालत में अपील करने पर विचार कर रहे होंगे।
उन्होंने कहा कि चिन्मय दास की तबीयत भी खराब बताई जा रही है। दास ने कहा, “हमें उम्मीद थी कि इस आधार पर और चूंकि वह पिछले 40 दिन से जेल में हैं इसलिए अदालत उन्हें जमानत दे देगी।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि जब चटगांव अदालत के इस फैसले को चुनौती देने वाली संत की अपील उच्च न्यायालय में दाखिल की जाएगी तो अंतरिम सरकार उनके वकीलों को अदालत के अंदर और बाहर पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगी।
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा था कि अगर बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास के लिए अदालत में पेश होने वाले किसी भी वकील की पिटाई या फिर उन्हें धमकी दी जाती है, तो अंतरिम सरकार को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
चिन्मय कृष्ण दास को बृहस्पतिवार की सुनवाई के लिए अदालत में नहीं लाया गया और उन्हें डिजिटल तरीक से पेश किया गया।
उन्हें 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था।
भाषा जितेंद्र अविनाश
अविनाश
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