संभल: कांग्रेस के पूर्व नेता और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद ने एक बार फिर से अपने पूर्व नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पर प्रहार किया है। (Is the opposition INDIA alliance falling apart?) उन्होंने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा कि, “कांग्रेस का काम “तमाम” करने के बाद अब INDIA गठबंधन का “पिण्ड-दान” करेंगे राहुल गाँधी”
कांग्रेस का काम “तमाम”
करने के बाद अब INDIA गठबंधन का “पिण्ड-दान”
करेंगे @RahulGandhi .— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) December 8, 2024
दरअसल हरियाणा में मिली हार और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद विपक्षी कुनबा यानी इण्डिया गठबंधन में बिखराव के संकेत मिलने लगे है। क्षेत्रीय दलों के नेताओं के निशाने पर सीधे राहुल गाँधी है। राहुल गाँधी ही विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के नेतृत्वकर्ता माने जाते है। सबसे बड़ी विपक्षी दल के नेता होने की वजह से अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव में उनके ही नेतृत्व में पूरा चुनावी कामकाज संचालित भी हुआ। ऐसे में अब जब गठबंधन को लगातार नाकामी हाथ लग रही है तो उनके सहयोगी दल के नेता ही राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए दिखाई पड़ रहे हैं।
इस बीच उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की ओर से भी राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और सांसद प्रो. राम गोपाल यादव का बयान सामने आया है। (Is the opposition INDIA alliance falling apart?) इसमें उन्होंने कहा है कि हम राहुल गांधी को अपना या गठबंधन का नेता नहीं मानते हैं।
प्रो. राम गोपाल ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं किया। अगर पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती तो I.N.D.I.A. गठबंधन को सत्ता मिलती। ममता बनर्जी के बयान पर प्रो. यादव ने कहा कि राजनीति में तो कोई साधु संत बनकर तो आते नहीं हैं। सब पद चाहते हैं।
लेकिन यह मिड्डा सिर्फ सपा और कांग्रेस के बीच का नहीं है। इससे पहले टीएमसी लीडर और वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भी बगावती सुर सामने आ चुके है। (Is the opposition INDIA alliance falling apart?) दरअसल संसद के भीतर उद्योगपति गौतम अडानी के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और तृणमूल का कांग्रेस से अलग स्टैंड है.दोनों ही पार्टियों ने कांग्रेस की तरफ से लगातार उठाए जा रहे इस मसले को खुद को किनारे कर लिया है।
इशारों में राहुल की क्षमता पर सवाल उठाते हुए ममता ने कहा है कि मैंने इंडिया का गठबंधन तैयार किया था। अगर मुझे इसका नेतृत्व दिया जाता है तो मैं इसे स्वीकार कर लूंगी। दिलचस्प बात है कि इंडिया गठबंधन में शामिल ममता ने लोकसभा के चुनाव में एकला चलो की राह पकड़ ली थी। ममता ने कांग्रेस को बंगाल की एक भी सीट नहीं दी थी, जिसके बाद कांग्रेस सीपीएम के साथ मैदान में उतरी। (Is the opposition INDIA alliance falling apart?) अब ममता ने जिस तरीके से इस मुद्दे को हवा दी है। उससे भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने इस मुद्दे को उठाने की वजह से ममता बनर्जी को बीजेपी का एजेंट तक बोल दिया है। हालांकि, कांग्रेस के दिग्गज इस पर अभी पूरी तरह चुप हैं।