नई दिल्ली। कांग्रेस और टीएमसी के बीच दूरियां लगातार बढ़ रही है। इसका ताजा उधारण ममता का दिल्ली दौरा है। उन्होंने इस बार सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की, जबकि पिछली बार जब वो दिल्ली आई थीं तो उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी, दोनों से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं ममता ने इस बार ये भी कहा कि वो सोनिया से मिलने को लेकर संवैधानिक रूप से बाध्य नहीं हैं। ममता के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
बुधवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र और त्रिपुरा हिंसा का मुद्दा पीएम मोदी के सामने उठाया। वहीं ग्लोबल बिजनेस मीट उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री को निमंत्रण भी दिया। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
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उन्होंने बताया कि हमने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के मुद्दे पर भी बात की और इस फैसले को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि ‘मैंने BSF के बारे में चर्चा की, BSF हमारा दुश्मन नहीं है। मैं सभी एजेंसियों की इज्जत करती हूं, लेकिन कानून-व्यवस्था जो राज्य का विषय है। इससे उसमें टकराव होता है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कहा कि संघीय ढांचे को बेवजह छेड़ना ठीक नहीं है, इसके बारे में आप चर्चा करो और BSF के कानून को वापस लो।
मेघालय में झटका
कांग्रेस को ताज़ा झटका मेघालय में लगा है। कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में बृहस्पतिवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता संगमा कथित तौर पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाखुश चल रहे थे। नए विधायकों के साथ आने से तृणमूल कांग्रेस राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बन जाएगी।
ममता बनर्जी खुद को विपक्ष का चेहरा बताने में लगी है, जबकि इससे पहले कांग्रेस दूसरे दलों को बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ मंच पर लाते थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। इस महीने की शुरुआत में, ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर बीजेपी के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सिर्फ चुनाव नजदीक आने पर ही बीजेपी पर हमलावर होती है।
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इस साल बंगाल में विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और ममता बनर्जी के बीच लगातार ज़ुबानी हमले हो रहे हैं। हाल ही उन्होंने टीएमसी को बीजेपी की बी टीम कहा था।
गोवा और त्रिपुरा में कांग्रेस पर निशाना
सितंबर में, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद टीएमसी में शामिल हो गए। इससे एक महीने पहले असम के सिलचर से कांग्रेस सांसद और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुष्मिता देव टीएमसी में शामिल हुई थीं। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी में शामिल होने के बाद दोनों को राज्यसभा की सीटें दी गई।
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दिल्ली और हरियाणा के कांग्रेसी भी TMC में
कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर भी हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए हैं. तंवर कभी राहुल गांधी के करीबी थे। बनर्जी ने कहा है कि टीएमसी के लिए विस्तार की योजना पर काम चल रहा है।
I met Prime Minister Narendra Modi today over a number of state-related issues. We also spoke on the BSF's jurisdiction extension issue and demanded that this decision be withdrawn: West Bengal CM Mamata Banerjee in Delhi pic.twitter.com/rbSorskUNA
— ANI (@ANI) November 24, 2021
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