आईआरसीटीसी मामला: लालू, राबड़ी, तेजस्वी ने खुद को बरी किए जाने का अनुरोध किया |

आईआरसीटीसी मामला: लालू, राबड़ी, तेजस्वी ने खुद को बरी किए जाने का अनुरोध किया

आईआरसीटीसी मामला: लालू, राबड़ी, तेजस्वी ने खुद को बरी किए जाने का अनुरोध किया

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Modified Date: March 29, 2025 / 06:16 PM IST
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Published Date: March 29, 2025 6:16 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत से भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में 2004 से 2014 के बीच हुई कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें बरी करने का आग्रह किया।

तीनों ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष दलीलें पेश करते हुए दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का मामला “चुनिंदा लोगों को आरोपी बनाने” पर आधारित है और उन पर लगाए गए आरोप “झूठे” हैं।

उन्होंने मामले में आरोप तय करने के लिए हुई बहस के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह के माध्यम से अपनी दलीलें पेश कीं।

लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार सहित विभिन्न अपराधों के लिए आरोप पत्र दाखिल किया गया है, जिनके लिए अधिकतम सात साल की जेल की सजा का प्रावधान है।

तीनों ने न्यायाधीश के समक्ष दावा किया कि सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे, चयनात्मक प्रवृत्ति के और प्रायोजित हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास उन पर मुकदमा चलाने के लिए सबूतों का अभाव है।

मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को फिर से शुरू होगी।

न्यायाधीश ने कहा, “ए-1 से लेकर ए-4 (लालू, राबड़ी, तेजस्वी और लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी) तक की आंशिक दलीलें सुनी गईं। आगे की दलीलें पेश करने के लिए मामले को सूचिबद्ध किया जाए।”

केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री रहे लालू ने पहले इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई की ओर से ली गई मंजूरी की वैधता पर सवाल उठाया था।

सीबीआई ने 28 फरवरी को अदालत को बताया था कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।

यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटल के संचालन का ठेका एक निजी कंपनी को दिए जाने में हुई कथित अनियमितताओं से उपजा है।

सीबीआई की ओर से दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक, 2004 से 2014 के बीच एक साजिश रची गई, जिसके तहत पुरी (ओडिशा) और रांची (झारखंड) में स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटल को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया था। बाद में पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर इनके संचालन और रखरखाव का जिम्मा दे दिया गया था।

जांचे एजेंसी ने आरोप लगाया है कि निविदा प्रक्रिया में धांधली एवं हेराफेरी की गई और निजी पक्ष-सुजाता होटल्स-की मदद करने के लिए शर्तों में बदलाव किया गया।

आरोप पत्र में आईआरसीटीसी के तत्कालीन समूह महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल, तथा सुजाता होटल्स के निदेशक एवं चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर को भी नामजद किया गया है।

अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जानी जाने वाली डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को भी आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है।

भाषा पारुल माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)