आपराधिक मामले में शामिल होना संपत्ति ध्वस्त करने का कोई आधार नहीं: न्यायालय |

आपराधिक मामले में शामिल होना संपत्ति ध्वस्त करने का कोई आधार नहीं: न्यायालय

आपराधिक मामले में शामिल होना संपत्ति ध्वस्त करने का कोई आधार नहीं: न्यायालय

Edited By :  
Modified Date: September 12, 2024 / 10:32 PM IST
,
Published Date: September 12, 2024 10:32 pm IST

नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी अपराध में कथित संलिप्तता संपत्तियों को ध्वस्त करने का आधार नहीं है। शीर्ष अदालत ने गुजरात के एक नगर निकाय को आदेश दिया कि वह यथास्थिति बनाए रखे और एक आपराधिक मामले के आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने की धमकी न दे।

न्यायालय ने कहा कि ऐसे देश में जहां कानून सर्वोच्च है, इस तरह ध्वस्त करने की धमकियां अकल्पनीय हैं। इसने कहा कि वह ऐसी कार्रवाइयों से बेखबर नहीं रह सकता, जिन्हें ‘देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने’ के रूप में देखा जा सकता है।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे देश में जहां सरकार की कार्रवाई कानून के शासन द्वारा शासित होती है, परिवार के किसी सदस्य द्वारा किया गया अपराध परिवार के अन्य सदस्यों या उनके कानूनी तौर पर निर्मित घर के खिलाफ कार्रवाई को आमंत्रित नहीं करता है। अपराध में कथित संलिप्तता किसी संपत्ति के विध्वंस का आधार नहीं है।’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘इसके अलावा कथित अपराध को अदालत में उचित कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से साबित किया जाना चाहिए। जिस देश में कानून सर्वोच्च है, वहां ध्वस्त करने की ऐसी अल्कपनीय धमकियों को न्यायालय नजरअंदाज नहीं कर सकता। अन्यथा इस तरह की कार्रवाइयों को देश के कानून पर बुलडोजर चलाने के रूप में देखा जा सकता है।’’

पीठ ने प्रस्तावित तोड़फोड़ की कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध करने वाली जावेद अली एम सैयद की याचिका पर गुजरात सरकार और राज्य के खेड़ा जिले के कठलाल के नगर निकाय को नोटिस जारी किया।

अदालत ने राज्य और नगर निकाय से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एक सितंबर को परिवार के एक सदस्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वकील ने दावा किया कि नगर निगम के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के परिवार के घर पर बुलडोजर चलाने की धमकी दी है।

शीर्ष अदालत मामले की समीक्षा करने पर सहमत हुई और इसे एक महीने के बाद सूचीबद्ध किया।

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers