जांच अधिकारी को चिकित्सा लापरवाही मामले में सुरक्षा प्रावधान लागू करना चाहिए: आईएमए |

जांच अधिकारी को चिकित्सा लापरवाही मामले में सुरक्षा प्रावधान लागू करना चाहिए: आईएमए

जांच अधिकारी को चिकित्सा लापरवाही मामले में सुरक्षा प्रावधान लागू करना चाहिए: आईएमए

:   Modified Date:  July 5, 2024 / 07:57 PM IST, Published Date : July 5, 2024/7:57 pm IST

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि जांच अधिकारी को कथित आपराधिक चिकित्सा लापरवाही के मामलों में भारतीय न्याय संहिता के तहत सुरक्षात्मक प्रावधान लागू करना चाहिए।

आईएमए ने कहा कि मरीज का इलाज करते समय चिकित्सक का कोई आपराधिक इरादा नहीं होता।

चिकित्सकों के संगठन ने हाल में लिखे पत्र में कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के पटल पर स्वीकार किया कि इलाज के दौरान मौत हत्या नहीं होती। आपकी सरकार द्वारा लाया गया नया बीएनएस कानून धारा 26 में इस पहलू को दर्शाता है। आईएमए का सरकार से अनुरोध है कि जांच अधिकारी कथित चिकित्सा लापरवाही के मामलों में इस प्रावधान को लागू करें। दुर्लभतम मामलों में जिन्हें लापरवाही माना जा सकता है, जांच अधिकारी राय के लिए मामले को विशेषज्ञ समिति के पास भेजने को प्राथमिकता दे सकते हैं।’’

संपर्क करने पर आईएमए के अध्यक्ष डॉ आर वी अशोकन ने कहा कि बीएनएस में धारा 26 स्पष्ट रूप से कहती है कि चिकित्सक आपराधिक कानून के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने मांग की कि धारा 106.1 के तहत प्रावधान को हटा दिया जाना चाहिए ताकि चिकित्सकों को आपराधिक मुकदमा चलाए जाने से छूट मिल सके।

डॉ. अशोकन ने कहा, ‘वर्तमान में, पुलिस कथित आपराधिक चिकित्सा लापरवाही के मामलों में चिकित्सकों पर धारा 106.1 के तहत आरोप लगाती है और धारा 26 के प्रावधान का पालन नहीं करती है। एक अपराध के लिए आवश्यक रूप से आपराधिक इरादा होना चाहिए। आपराधिक इरादे की अनुपस्थिति में चिकित्सकों को केवल दीवानी कानून (अपकृत्य विधि) में जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, तदनुसार आईएमए चिकित्सकों को आपराधिक मुकदमे से छूट दिलाने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

आईएमए ने अपने पत्र में इस बात पर भी प्रकाश डाला कि देश के चिकित्सक इस पेशे में कठिन समय से गुजर रहे हैं और अस्पतालों में भय तथा अविश्वास का माहौल है।

पत्र में कहा गया, ‘‘आपकी सरकार ने चिकित्सकों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा पर एक विधेयक की बात कही थी। इसे सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए भी रखा गया था। हालांकि, विधेयक को अभी संसद में पेश किया जाना बाकी है। आपकी सरकार ने महामारी रोग अधिनियम 1897 में संशोधन करके कोविड के दौरान हिंसा से चिकित्सकों की भी रक्षा की।’’

आईएमए ने पत्र में कहा, ‘चिकित्सकों और अस्पतालों पर हमलों को लेकर केंद्रीय कानून निवारक का काम करेगा।’

भाषा नेत्रपाल देवेंद्र

देवेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)