नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) केंद्र ने बृहस्पतिवार को संसद में बताया कि ऑस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा शुल्क एक जुलाई से 710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से बढ़ाकर 1,600 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर कर दिया है।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उनसे पूछा गया था कि क्या यह सच है कि ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में छात्र वीजा शुल्क में पिछली राशि के दोगुने से अधिक की वृद्धि की है।
मंत्री से यह भी पूछा गया कि यदि हां, तो क्या भारत सरकार ने छात्र वीजा शुल्क कम करने के बारे में ऑस्ट्रेलिया से संपर्क किया?
सिंह ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया सरकार ने एक जुलाई 2024 से अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा की फीस 710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से बढ़ाकर 1,600 आस्ट्रेलिया कर दी है।’’
विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री ने कहा कि छात्रों से संबंधित अन्य मुद्दों के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई सरकार के संबंधित अधिकारियों के समक्ष इस मामले को उठाया गया है।
मंत्री ने कहा कि वीजा शुल्क में बढ़ोतरी से ऑस्ट्रेलिया में अपनी पढ़ाई करने के इच्छुक भारतीय छात्रों सहित अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वित्तीय चुनौतियां खड़ी होने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी आर्थिक, अकादमिक और लोगों के आपसी संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सिंह ने कहा, ‘‘मंत्रालय ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से जुड़े मामलों पर लगातार ऑस्ट्रेलिया सरकार के साथ बातचीत कर रहा है।’’
कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार की ओर से कोई कदम उठाए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा (1981 से) और सिक्किम में नाथू ला दर्रा (2015 से) के माध्यम से हर साल जून और सितंबर के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन किया है।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप और इसके बाद की पाबंदियों के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 से नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि यात्रा के संचालन के दौरान, भारत सरकार विभिन्न सुविधाजनक कदम उठाती है जिसमें पंजीकरण और चयन प्रक्रिया को सरल और तेज करने के लिए एक समर्पित वेबसाइट, यात्रियों के साथ संचार और एक द्विभाषी हेल्पलाइन शामिल है।
सिंह ने कहा, ‘‘भारत सरकार स्व-भुगतान के आधार पर यात्रा के लिए भारतीय हिस्से में रहने की व्यवस्था, भोजन, परिवहन और पोर्टर की व्यवस्था करती है।’’
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र सुरेश
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