महादई नदी के बेसिन के निरीक्षण से सच्चाई का पता चलेगा: गोवा के मुख्यमंत्री |

महादई नदी के बेसिन के निरीक्षण से सच्चाई का पता चलेगा: गोवा के मुख्यमंत्री

महादई नदी के बेसिन के निरीक्षण से सच्चाई का पता चलेगा: गोवा के मुख्यमंत्री

:   Modified Date:  July 5, 2024 / 01:49 PM IST, Published Date : July 5, 2024/1:49 pm IST

पणजी, पांच जुलाई (भाषा) गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि ‘प्रवाह’ नदी प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा महादई बेसिन का निरीक्षण, राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सच्चाई सामने आएगी।

केंद्र सरकार ने महादई जल विवाद अधिकरण के निर्णय और सुझाव के अनुपालन तथा कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए पिछले वर्ष ‘प्रोग्रेसिव रिवर अथॉरिटी फॉर वाटर एंड हार्मनी’ (प्रवाह) का गठन किया था।

‘प्रवाह’ के सदस्यों ने गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अधिकारियों की मौजूदगी में बृहस्पतिवार से राज्य में बेसिन का निरीक्षण शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बृहस्पतिवार को पोस्ट कर कहा कि ‘प्रवाह’ के सदस्य महादई नदी के बेसिन का विस्तृत जमीनी निरीक्षण करेंगे और इससे उन्हें कर्नाटक सरकार द्वारा किए गए कार्य की जानकारी मिलेगी।

उन्होंने कहा ‘‘यह निरीक्षण गोवा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सारी सच्चाई ‘प्रवाह’ सदस्यों के सामने आ जाएगी। यह महादई के सरंक्षण के लिए हमारे निरंतर प्रयासों का नतीजा है जो हमारे पक्ष को मजबूत करेगा और हमारे रुख को सही साबित करेगा।’’

राज्य के जल संसाधन विभाग के मंत्री सुभाष शिरोडकर ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि ‘प्रवाह’ ने गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अधिकारियों की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को निरीक्षण शुरू कर दिया जो कि आठ जुलाई तक जारी रहेगा।

गोवा में यह निरीक्षण महादई की सभी सहायक नदियों और जल संवर्धन की उन परियोजना स्थलों पर किया जाएगा जो कि कर्नाटक द्वारा बांध बनाए जाने से प्रभावित होंगी।

गोवा के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी निरीक्षण कार्यक्रम के अनुसार, ‘प्रवाह’ के सदस्य सात और आठ जुलाई को नदी के कर्नाटक वाले हिस्से का दौरा करेंगे और सहायक नदियां हलतारा तथा कलसा का निरीक्षण करेंगे तथा कंकुंबी और कोटनी में बांध स्थलों का दौरा करेंगे।

महादई नदी कर्नाटक से निकलती है और महाराष्ट्र से होते हुए गोवा में प्रवेश करती है तथा पणजी के पास अरब सागर में मिल जाती है। इस नदी के पानी को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच विवाद है।

गोवा ने नदी के पानी के बंटवारे के लिए अंतर-राज्य जल विवाद अधिकरण द्वारा दिए गए एक आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

भाषा

खारी मनीषा

मनीषा

 

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