नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) इंडोनेशिया के नौसेना प्रमुख एडमिरल मुहम्मद अली ने सोमवार को अपने भारतीय समकक्ष एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के साथ अलग-अलग वार्ता की, जिसमें प्रमुख जलमार्गों की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए द्विपक्षीय समुद्री संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो द्वारा क्षेत्र में सुरक्षित समुद्री मार्ग की दिशा में संयुक्त रूप से काम करने की प्रतिबद्धता जताने के दो दिन बाद ये बैठकें हुईं।
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा समुद्री सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने का संकल्प लिया गया। भारतीय नौसेना ने कहा कि एडमिरल त्रिपाठी और एडमिरल अली के बीच बैठक समुद्री सहयोग को प्रगाढ़ करने और ‘दो करीबी’ समुद्री पड़ोसियों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित थी।
उसने कहा, ‘‘उनकी चर्चा संचालन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित थी।’’
भारतीय नौसेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि दोनों देशों की नौसेनाएं साझा समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बढ़ी हुई अंतर-संचालन क्षमता, प्रशिक्षण और मजबूत तरीके से सूचना साझा करने के माध्यम से समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इंडोनेशिया भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें खरीदने का इच्छुक है और अगले कुछ महीनों में इस संबंध में घोषणा हो सकती है।
एडमिरल अली ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) का भी दौरा किया और रक्षा एवं रणनीति के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए विचारों और अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान किया।
सीडीएस जनरल चौहान और इंडोनेशिया के नौसेना प्रमुख के बीच वार्ता भारत-इंडोनेशिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने और एक सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी।
मोदी-सुबियांतो की बैठक में, दोनों पक्षों ने भारत के सूचना समेकन (फ्यूजन) केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) में इंडोनेशिया से एक संपर्क अधिकारी को तैनात करने पर भी सहमति व्यक्त की।
भारतीय नौसेना ने समान विचारधारा वाले देशों के साथ सहयोगी ढांचे के तहत पोत यातायात के साथ-साथ क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए 2018 में गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर की स्थापना की।
मोदी-सुबियांतो बैठक में, दोनों पक्षों ने प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार दक्षिण चीन सागर में ‘पूर्ण और प्रभावी’ आचार संहिता की वकालत की।
दोनों नेताओं के बीच वार्ता पर एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति प्रबोवो ने समुद्री सुरक्षा पर सहयोग बढ़ाने में भारत की रुचि का स्वागत किया, जिसमें समुद्री संचार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय तंत्रों के साथ इसकी सहभागिता भी शामिल है।’’
इसमें कहा गया कि मोदी और सुबियांतो ने क्षेत्र में सुरक्षित समुद्री मार्गों को प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व को भी स्वीकार किया। इसमें कहा गया, ‘‘इस संबंध में, वे इस बात पर सहमत हुए कि समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने पर चर्चा करने के लिए निरंतर संचार की आवश्यकता है।’’
दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों के बीच ‘व्हाइट शिपिंग इंफॉर्मेशन एक्सचेंज’ (डब्लयूएसआईई)समझौते पर चल रही चर्चाओं का भी स्वागत किया।
भाषा
वैभव दिलीप
दिलीप
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)