नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा है कि विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में भारत-जर्मनी साझेदारी ‘‘पहले से कहीं अधिक मजबूत’’ है तथा यह द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है।
बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार जर्मनी के अग्रणी विश्वविद्यालयों के प्रमुख और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि संस्थागत साझेदारी बढ़ाने और दोनों देशों के बीच नये शैक्षणिक सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए इस महीने हैदराबाद और नयी दिल्ली का दौरा कर रहे हैं।
ये संस्थान भारतीय विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के उच्च स्तरीय दौरों तथा भारत में डीएएडी के क्षेत्रीय कार्यालय के जयंती समारोहों में शामिल होंगे।
डीएएडी – जर्मन अकादमिक एक्सचेंज सर्विस – इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।
डीएएडी क्षेत्रीय कार्यालय ने एक बयान में कहा कि भारत-जर्मन फोरम: अनुसंधान, नवाचार और हस्तांतरण तथा डीएएडी जयंती समारोह नयी दिल्ली में जर्मन राजदूत की उपस्थिति में आयोजित किया जाएगा।
बयान में एकरमैन के हवाले से कहा गया है, ‘‘विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में भारत-जर्मनी साझेदारी पहले से कहीं अधिक मजबूत है। यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण खंडों में से एक है। जर्मनी में लगभग 50,000 भारतीय छात्र हैं, जो किसी भी देश से विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा समूह है।’’
इसमें कहा गया है कि एक अन्य मुख्य आकर्षण पीएसजी जर्मन स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी में भारत-जर्मन सहयोग परियोजना का उद्घाटन समारोह था। इसमें कहा गया है कि इन यात्राओं का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है, जो साझा शैक्षिक लक्ष्यों और उच्च शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
भाषा देवेंद्र अविनाश
अविनाश
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