पिछले दो दशकों में भारत में बाघों का क्षेत्र 30 प्रतिशत बढ़ा : अध्ययन |

पिछले दो दशकों में भारत में बाघों का क्षेत्र 30 प्रतिशत बढ़ा : अध्ययन

पिछले दो दशकों में भारत में बाघों का क्षेत्र 30 प्रतिशत बढ़ा : अध्ययन

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Modified Date: January 31, 2025 / 08:08 PM IST
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Published Date: January 31, 2025 8:08 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) भारत में बाघों के विचरण वाले क्षेत्र में पिछले दो दशक में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एक नये अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।

भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नयी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने पाया कि बाघ अधिकतर अत्यधिक संरक्षित ‘‘मानव-मुक्त और शिकार की बेहतर उपलब्धता वाले’’ क्षेत्रों में पाए जाते हैं जबकि ये मांसाहारी प्रजातियां कुछ ऐसे क्षेत्रों में भी पाई जाती हैं, जहां मानव रहते हैं। हालांकि, मानव निवास वाले ऐसे अधिकतर क्षेत्र गरीबी से प्रभावित होते हैं और वहां भूमि उपयोग बदलाव बेहद कम होता है।

पत्रिका ‘साइंस’ में प्रकाशित अध्ययन के लेखकों ने कहा कि अब भारत में बाघ क्षेत्र लगभग 1,38,200 वर्ग किलोमीटर है, जो विश्व में सबसे अधिक है।

शोधकर्ताओं ने बाघों के 3.8 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक निवास क्षेत्र का विश्लेषण किया। विश्लेषण में राष्ट्रीय स्तर के बाघ निगरानी आंकड़ों को भी शामिल किया गया।

लेखकों ने कहा, ‘‘पिछले दो दशकों में बाघ क्षेत्र में 30 प्रतिशत (प्रति वर्ष 2,929 वर्ग किलोमीटर) की वृद्धि हुई है।’’

भाषा

शफीक धीरज

धीरज

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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