नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) वैश्विक पासपोर्ट सूचकांक में भारत की रैंकिंग इस वर्ष पांच पायदान गिरकर 85 हो गई है जबकि सिंगापुर लगातार दूसरे वर्ष शीर्ष पर है।
ये आंकड़े नागरिकता सलाहकार कंपनी ‘हेनले एंड पार्टनर्स’ द्वारा बुधवार को जारी ‘हेनले पासपोर्ट सूचकांक’ से लिए गए हैं।
इसकी वेबसाइट के मुताबिक, सूचकांक में 199 विभिन्न पासपोर्ट और 227 विभिन्न यात्रा गंतव्य शामिल हैं।
साल 2025 के सूचकांक के अनुसार, भारत 85वें स्थान पर है जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश की रैंकिंग क्रमशः 103वीं (2024 में 101वीं) और 100वीं (2024 में 97वीं) है।
वर्ष 2024 के लिए हेनले पासपोर्ट सूचकांक में भारत की रैंकिंग विश्व स्तर पर 80वीं थी।
कंपनी की वेबसाइट पर 2006 से 2025 तक के उपलब्ध डेटा के अनुसार, भारत की रैंक 2021 में सबसे कम 90वीं थी, जबकि सर्वश्रेष्ठ 2006 में थी जब देश 71वें स्थान पर था।
अमेरिका की रैंकिंग 2025 के लिए नौवीं होगी, जो 2024 में सातवीं थी, जबकि चीन की रैंकिंग 60वीं हो गई है जो 2024 में 62वीं थी।
इस साल जापान दूसरे नंबर पर है, जबकि 2018-2023 तक यह शीर्ष स्थान पर था। 2024 में जापान और सिंगापुर दोनों ने शीर्ष रैंक साझा की थी।
कंपनी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पिछले एक दशक में दुनिया के 199 पासपोर्ट में से केवल 22 पासपोर्ट ही हेनले पासपोर्ट सूचकांक रैंकिंग में नीचे आए हैं।
बयान के मुताबिक, 2015 और 2025 के बीच वेनेजुएला के बाद रैकिंग में गिरावट वाला अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा देश है, जो दूसरे स्थान से सात पायदान नीचे गिरकर वर्तमान में नौवें स्थान पर आ गया है। वानुअतु रैकिंग गिरावट में तीसरा सबसे बड़ा देश है, जो 48वें स्थान से छह पायदान नीचे गिरकर 54वें स्थान पर आ गया है। इसके बाद ब्रिटिश पासपोर्ट है, जो 2015 में सूचकांक में शीर्ष पर था, लेकिन अब पांचवें स्थान पर है। रैकिंग में गिरावट वाले पांच शीर्ष देशों की सूची में कनाडा भी शामिल है, जो पिछले एक दशक में चौथे स्थान से वर्तमान सातवें स्थान पर आ गया है।
भाषा नोमान नेत्रपाल
नेत्रपाल
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