भारत का परमाणु क्षेत्र समर्पण और पेशेवराना रवैये का उदाहरण: आईएईए महानिदेशक |

भारत का परमाणु क्षेत्र समर्पण और पेशेवराना रवैये का उदाहरण: आईएईए महानिदेशक

भारत का परमाणु क्षेत्र समर्पण और पेशेवराना रवैये का उदाहरण: आईएईए महानिदेशक

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Modified Date: March 19, 2025 / 10:26 PM IST
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Published Date: March 19, 2025 10:26 pm IST

नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने बुधवार को कहा कि भारत का परमाणु क्षेत्र समर्पण और पेशेवराना रवैये का एक उदाहरण है तथा देश भर में और अधिक रिएक्टर का निर्माण किया जा रहा है।

ग्रॉसी ने सूरत के निकट काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (केएपीएस) में 700 मेगावाट के स्वदेश निर्मित दो दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) के दौरे के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ये टिप्पणियां कीं।

यात्रा के दौरान ग्रॉसी ने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भुवन चंद्र पाठक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की।

उन्होंने पीएचडब्ल्यूआर के केएपीएस तीन और चार के नियंत्रण कक्ष का भी दौरा किया। आईएईए के शीर्ष अधिकारी को 700 मेगावाट के स्वदेशी पीएचडब्ल्यूआर के डिजाइन और इसकी उन्नत सुरक्षा विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई।

ग्रॉसी को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने और 2070 तक ‘‘नेट जीरो’’ अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ने के भारत के प्रयास में परमाणु ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया।

एनपीसीआईएल के एक बयान में कहा गया कि इस संदर्भ में, भारत लघु रिएक्टर (बीएसआर) पहल का भी जिक्र किया गया।

भाषा आशीष रंजन

रंजन

 

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