Indian student narrowly escaped in Kharkiv shelling, 50m standing friend dies

गोलाबारी में बाल-बाल बचा भारतीय छात्र, मारे गए नवीन शेखरप्‍पा से था 50 मीटर दूर, बयां किया खारकीव का खौफनाक मंजर

Indian student narrowly escaped in Kharkiv shelling, 50m standing friend dies

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : March 2, 2022/7:27 pm IST

नयी दिल्ली: युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव शहर में मंगलवार को गोलाबारी में केरल का 25 वर्षीय एक छात्र बाल-बाल बच गया जबकि उसके बैच के साथी कर्नाटक निवासी नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर की मौत हो गई। गोलाबारी के समय मेडिकल छात्र असोयुन हुसैन अपने साथी ज्ञानगौदर से महज 50 मीटर की दूरी पर था।

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घटना के एक दिन बाद केरल निवासी हुसैन के परिजनों ने ईश्वर का आभार व्यक्त किया लेकिन वे जानते हैं कि आगे कई खतरे हैं। असोयुन के भाई अफसाल हुसैन ने कहा कि असोयुन अन्य लोगों के साथ खारकीव से पश्चिमी यूक्रेन की ओर जा रहा है ताकि रूस के भीषण हमले से बचा जा सके। उन्होंने कहा, ‘नवीन की मौत एक सदमे के रूप में आई। मेरी मां, जो चिंतित और तनावग्रस्त थीं, यह खबर फैलते ही गिर पड़ीं। वह अब एक अस्पताल में भर्ती हैं। यह हमारे लिए कठिन परीक्षा का समय है, जो हजारों किलोमीटर दूर हैं।’

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अफसाल हुसैन ने कहा, ‘मेरे भाई ने एक भूमिगत मेट्रो रेल स्टेशन में शरण ली थी, जो नवीन की मृत्यु के स्थान से 50 मीटर की दूरी पर था। वह उसका बैचमेट था।’ कर्नाटक के हावेरी जिले के चलगेरी निवासी नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में असोयुन हुसैन की तरह चौथे वर्ष का मेडिकल छात्र था। अभिभावकों का कहना है कि अनेक भारतीय छात्र यूक्रेन के शहरों में बंकरों में छिपे हुए हैं और वे लगातार गोलाबारी के कारण भागने में असमर्थ हैं। उन्होंने भारतीय दूतावास के उस परामर्श पर भी चिंता व्यक्त की है जिसमें छात्रों को निकासी के लिए यूक्रेन की सीमाओं तक पहुंचने के लिए कहा गया है।

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आर वासुदेवन, जिनका 21 वर्षीय बेटा गिरीश खारकीव में फंसा है, ने कहा, ‘वे बच्चे हैं और इतने परिपक्व नहीं हैं कि खुद सीमा तक पहुंच सकें। उन्हें किसी तरह की सहायता प्रदान की जानी चाहिए।’ वासुदेवन ने कहा कि वह और उनके परिवार के लोग गिरीश की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सिर्फ मेरा बेटा नहीं बल्कि अनेक छात्र वहां फंसे हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एक छात्र की मौत हमारे लिए चिंताजनक है। मुझे पता है कि यूक्रेन की सीमाओं से लोगों को निकालना एक कठिन काम है, लेकिन कीव और खारकीव जैसे शहरों में फंसे लोगों को भी वापस लाया जाना चाहिए।’

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बच्चों को भारत से बाहर पढ़ने के लिए भेजने के चलते माता-पिता पर हमला करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट उनके दुखों को और बढ़ा रहे हैं। अफसाल हुसैन ने कहा कि इससे हालात और खराब हो गए हैं। यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’ चला रही है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन में फंसे 20,000 भारतीयों में से अब तक 6,000 को वापस लाया जा चुका है और केंद्र शेष की सुरक्षित वापसी के लिए सभी प्रयास कर रहा है। ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो, स्पाइसजेट और भारतीय वायुसेना के विमानों का संचालन किया जा रहा है।