भारतीय नर्स की मौत की सजा का राष्ट्रपति ने अनुमोदन नहीं किया है: यमन दूतावास |

भारतीय नर्स की मौत की सजा का राष्ट्रपति ने अनुमोदन नहीं किया है: यमन दूतावास

भारतीय नर्स की मौत की सजा का राष्ट्रपति ने अनुमोदन नहीं किया है: यमन दूतावास

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Modified Date: January 6, 2025 / 09:49 PM IST
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Published Date: January 6, 2025 9:49 pm IST

नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन की अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा का वहां के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने अनुमोदन नहीं किया है। यह बात पश्चिम एशियाई देश यमन के दूतावास ने सोमवार को कही।

दूतावास ने एक मीडिया संस्थान की खबर के बाद मामले पर उसे (मीडिया संस्थान को) इस बात से अवगत कराया।

दूतावास ने कहा कि यमन की सरकार इस बात पर जोर देती है कि पूरे मामले में हूती मिलिशिया की दखल रही है और इसलिए यमन के ‘प्रेजीडेंशियल लीडरशिप काउंसिल’ के चेयरमैन रशद अल-अलीमी ने इस फैसले का अनुमोदन नहीं किया है।

केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेनगोडे की रहने वाली प्रिया को जुलाई 2017 में एक यमन नागरिक की हत्या का दोषी करार दिया गया। 37 वर्षीय नर्स वर्तमान में यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हूती के नियंत्रण में है।

खबरों के अनुसार, प्रिया को 2020 में एक निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी, जबकि यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में फैसले को बरकरार रखा।

पिछले सप्ताह भारत ने कहा था कि वह मामले के घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि सरकार इस मामले में ‘हर संभव’ मदद कर रही है। उन्होंने शुक्रवार को कहा था, ‘‘हम निमिषा प्रिया की सजा के इर्द-गिर्द के घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे हैं। सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है।’’

भाषा अमित सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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