दिवाली के मौके पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने कई सीमावर्ती स्थलों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया |

दिवाली के मौके पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने कई सीमावर्ती स्थलों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया

दिवाली के मौके पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने कई सीमावर्ती स्थलों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया

:   Modified Date:  October 31, 2024 / 03:47 PM IST, Published Date : October 31, 2024/3:47 pm IST

(तस्वीरों सहित)

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) भारत और चीन के सैनिकों ने दिवाली के अवसर पर बृहस्पतिवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) समेत कई सीमा स्थलों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी।

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले डेमचोक एवं देपसांग से दोनों देशों की सेनाओं की वापसी के एक दिन बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच मिठाई का आदान-प्रदान हुआ। इस कदम के बाद चीन और भारत के संबंधों में मधुरता आई है।

सेना के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘दिवाली के अवसर पर एलएसी के साथ कई सीमाओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ।’’

मिठाइयों का यह आदान-प्रदान एलएसी- अरुणाचल प्रदेश में बुम ला और वाचा/किबिथु, लद्दाख में चुशुल-मोल्डो और दौलत बेग ओल्डी और सिक्किम में नाथू ला, के सभी पांच ‘बॉर्डर पर्सनल मीटिंग’ (बीपीएम) स्थलों पर हुआ।

कोंगका ला, केके दर्रा और ‘हॉट स्प्रिंग्स’ (पूर्वी लद्दाख में) में भी मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया।

पारंपरिक प्रथा के अनुसार, भारतीय और चीनी सैनिक पूर्व में भी पूर्वी लद्दाख सहित एलएसी पर कई सीमा चौकियों पर पर्व और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते रहे हैं।

बुधवार को सेना के एक सूत्र ने बताया कि दोनों पक्षों के सैनिकों ने गतिरोध वाले दो स्थलों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और जल्द ही इन स्थलों पर गश्त शुरू हो जाएगी।

सूत्र ने तब कहा था कि पीछे हटने के बाद सत्यापन प्रक्रिया जारी है और कमांडरों के बीच गश्त के तौर-तरीकों पर फैसला किया जाना है।

सेना के सूत्र ने कहा, ‘‘स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।’’

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा कि पिछले कई हफ्तों की बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 के मुद्दों का समाधान निकलेगा।

भाषा खारी माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)