बृहद ‘क्वाड’ पहल के तहत भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिये कोविड-19 रोधी टीके का उत्पादन करेगा | India to produce Covid-19 anti-COVID vaccine for Indo-Pacific region under Macro 'Quad' initiative

बृहद ‘क्वाड’ पहल के तहत भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिये कोविड-19 रोधी टीके का उत्पादन करेगा

बृहद ‘क्वाड’ पहल के तहत भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिये कोविड-19 रोधी टीके का उत्पादन करेगा

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 PM IST
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Published Date: March 12, 2021 7:12 pm IST

नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) चार देशों के ‘क्वाड’ समूह के पहले शिखर सम्मेलन में गठबंधन के नेताओं ने शुक्रवार को निर्णय किया कि बृहद टीका पहल के तहत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति के लिए उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर भारत में भारी निवेश किया जाएगा। इस कदम को टीके आपूर्ति के क्षेत्र में चीन के बढते प्रभाव से मुकाबले के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ चार देशों के समूह के नेताओं के पहले ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।

‘क्वाड’ नेताओं ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति पर भी चर्चा की और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिये मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन में कहा कि गठबंधन विकसित हो चुका है और टीका, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के इसके एजेंडे में शामिल होने से यह वैश्विक भलाई की ताकत बनेगा।

उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘‘आज का सम्मेलन दिखाता है कि ‘क्वाड’ विकसित हो चुका है और यह अब क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हम एकजुट हैं, हमने सुरक्षित कोविड-19 टीकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण क्वाड भागीदारी शुरू की है।

उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों की मदद के लिए भारत की टीका उत्पादन क्षमता को जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से विस्तारित किया जाएगा।

डिजिटल तरीके से शिखर बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए ‘क्वाड’ महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है तथा एक खुला एवं मुक्त हिन्द-प्रशांत क्षेत्र हमारे भविष्य के लिये अहम है।

‘स्पिरिट ऑफ क्वाड’ शीर्षक से एक संयुक्त बयान में नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपने समय की निर्णायक चुनौतियों पर सहयोग मजबूत करने का संकल्प लिया और वे पूर्वी तथा दक्षिण चीन सागर में नियम-कायदा आधारित व्यवस्था के समक्ष चुनौतियों से मुकाबले के लिए समुद्री सुरक्षा पर तालमेल बढ़ाएंगे।

म्यांमा में तख्तापलट के बाद की स्थिति का हवाला देते हुए ‘क्वाड’ के नेताओं ने जोर दिया कि जल्द लोकतंत्र बहाल करने और लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता को मजबूत करने की प्राथमिकता पर जोर दिए जाने की जरूरत है।

सम्मेलन में नेताओं ने सुरक्षित और प्रभावी टीका वितरण के लिए एक टीका विशेषज्ञ कार्य समूह बनाने का फैसला किया।

शिखर बैठक के बारे में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं को बताया कि यह निर्णय किया गया कि भारत की निर्माण क्षमता का अमेरिकी टीके के निर्माण के लिये उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘क्वाड टीका पहल’ सबसे अधिक जरूरी और मूल्यवान है।’’

श्रृंगला ने कहा, ‘‘आज के संदर्भ में यह सबसे महत्वपूर्ण पहल है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देशों को निर्यात के लिए भारत में भारी निवेश पर चर्चा कर रहे है। हम साल 2022 के अंत तक एक अरब खुराक उत्पादन करने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा कि ‘क्वाड’ राष्ट्रों ने अपने वित्तीय संसाधनों, विनिर्माण क्षमताओं और साजो-सामान(लाजिस्टिकल) क्षमता को साझा करने की योजना पर सहमति व्यक्त की।

श्रृंगला ने बताया कि अतिरिक्त क्षमता के निर्माण के लिये वित्त पोषण अमेरिका और जापान से आयेगा जबकि ऑस्ट्रेलिया साजो सामान एवं आपूर्ति को लेकर योगदान करेगा। ऑस्ट्रेलिया उन देशों को वित्तीय मदद करेगा जिन्हें टीके प्राप्त होंगे।

उन्होंने कहा कि ‘क्वाड’ टीका पहल का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 टीकों के विनिर्माण, वितरण में तेजी लाना है।

विदेश सचिव ने कहा कि भारत ‘क्वाड’ टीका पहल का स्वागत करता है क्योंकि यह हमारी अपनी विनिर्माण क्षमताओं को मान्यता देता है।

क्या पूर्वी लद्दाख में हालात पर भी चर्चा हुई, यह पूछे जाने पर विदेश सचिव ने कहा कि ‘क्वाड’ सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन उन्होंने इस पर विस्तार से जानकारी नहीं दी।

पता चला है कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति का मुद्दा भी सम्मेलन में उठा और ‘क्वाड’ के नेताओं ने इस पर भारत का समर्थन किया।

इससे पहले, चार देशों के ‘क्वाड’ समूह के डिजिटल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में चर्चा की।

मोदी ने कहा, ‘‘हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज हमारे एजेंडे में टीका, जलवायु परिवर्तन और उभरती हुई प्रौद्योगिकी जैसे सेक्टर शामिल हैं, जो ‘क्वाड’ को वैश्विक भलाई की ताकत बनाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को भारत के वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन के विस्तार के तौर पर देखता हूं, जो कि पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने और सुरक्षित, स्थिर, समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हम पहले से कहीं अधिक मिलकर करीबी तालमेल से काम करेंगे। उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘‘आज का सम्मेलन दिखाता है कि ‘क्वाड’ विकसित हो चुका है और यह अब क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा।’’

वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया कि क्वाड दुनिया की भलाई के लिए एक गठजोड़ है। आज के शिखर बैठक में क्वाड के नेताओं का सकारात्मक एजेंडा और दृष्टिकोण देखा गया है।’’

उन्होंने कहा कि इसमें टीका, जलवायु परिवर्तन और उभरती तकनीक जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।

शिखर बैठक को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ‘‘क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने जा रहा है और मैं आने वाले वर्षों में आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।’’

सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा को ‘‘सार्थक’’ बताया और कहा कि उन्होंने देश के सागर (क्षेत्र में सबका विकास सुरक्षा) दृष्टिकोण के साथ खुले, मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘टीका, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकी पर हमारी चर्चा ‘क्वाड’ को वैश्विक भलाई और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता के लिए सकारात्मक शक्ति बनाते हैं।’’

भाषा आशीष वैभव

वैभव

 

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