नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून बुधवार को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आएंगे, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों में आये सुधार के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाना है।
मौमून राष्ट्रीय राजधानी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। वह कई वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे।
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मांग पर भारत द्वारा अपने सैन्य कर्मियों को मालदीव से वापस बुलाए जाने के करीब आठ माह बाद द्वीपीय देश के मंत्री यहां की यात्रा पर आ रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आठ जनवरी को नयी दिल्ली में मौमून के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
इसने कहा कि दोनों मंत्री ‘मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण, अभ्यास और रक्षा परियोजनाओं के साथ-साथ रक्षा उपकरणों की आपूर्ति सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेंगे।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘मालदीव, भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति में विशेष स्थान रखता है। इस नीति का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि लाना है।’’
इसने कहा, ‘‘दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इस प्रकार वे ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर)’ के भारत के दृष्टिकोण में योगदान देते हैं।’’
मौमून गोवा और मुंबई भी जाएंगे।
मालदीव, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और मालदीव में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान रक्षा सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में वृद्धि देखी गई।
हालांकि, चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू के नवंबर 2023 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर, मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा।
अक्टूबर में मुइज्जू ने दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया, जिसके बाद संबंधों में तनाव कम हुआ।
भाषा खारी नरेश अविनाश
अविनाश
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