भारत-जर्मनी अच्छे साझेदार: रियर एडिमरल रिश्च |

भारत-जर्मनी अच्छे साझेदार: रियर एडिमरल रिश्च

भारत-जर्मनी अच्छे साझेदार: रियर एडिमरल रिश्च

:   Modified Date:  October 26, 2024 / 03:44 PM IST, Published Date : October 26, 2024/3:44 pm IST

पणजी, 26 अक्टूबर (भाषा) जर्मनी की नौसेना के रियर एडमिरल हेल्गे रिश्च ने शनिवार को कहा कि उनका देश और भारत दोनों लोकतांत्रिक देश हैं, अच्छे साझेदार हैं और क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी होने के साथ वैश्विक स्तर पर प्रतिबद्ध हैं।

कार्यबल समूह के कमांडर रिश्च गोवा के वास्को में फ्रिगेट एफजीएस बाडेन-वुर्टेमबर्ग पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। जर्मन की नौसेना का युद्धपोत वर्तमान में दक्षिण गोवा के मर्मागाव बंदरगाह पर लंगर डाले हुए है, जो सात मई से शुरू हुई अपनी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनाती का हिस्सा है।

रियर एडमिरल ने कहा, ‘‘हम दोनों देश लोकतांत्रिक हैं। हम बहुत से मूल्यों को साझा करते हैं और कई हितों को भी साझा करते हैं। दोनों देश क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी और वैश्विक स्तर पर प्रतिबद्ध हैं। यह भारत और जर्मनी के बीच करीबी सहयोग को प्रोत्साहित करता है।’’

संयुक्त नौसेना युद्धाभ्यास के सवाल पर उन्होंने कहा कि लक्ष्य दोनों देशों और नौसेनाओं के बीच मित्रता और साझेदारी स्थापित करना है।

रिश्च ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम भविष्य में युद्धाभ्यास देखेंगे, लेकिन मैं फिलहाल किसी ठोस योजना के बारे में नहीं बता सकता। हो सकता है कि इस पर हमारी सरकारों ने (नयी दिल्ली में) चर्चा की हो।’’

मोदी ने शुक्रवार को शोल्ज के साथ बैठक की और इस दौरान द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों सहित विस्तृत विषयों पर चर्चा की गई। जर्मन चांसलर तीन दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को भारत आए हैं।

रियर एडमिरल रिश्च ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र तैनाती के हिस्से के रूप में, जर्मन नौसेना ने अमेरिका और एशिया के कई देशों के साथ साझेदारी अभ्यास किया है।

जर्मन रियर एडमिरल ने कहा कि जर्मनी नौसेना का पोत यहां इसलिए है क्योंकि भारत विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है और इस क्षेत्र में एक अच्छा साझेदार है। उन्होंने कहा कि दोनों का लक्ष्य विश्व को और सुरक्षित बनाना है।

रिश्च ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश इस क्षेत्र में और भी अधिक महत्वपूर्ण साझेदार बनेंगे क्योंकि ‘‘हम समान मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कुछ अच्छे युद्धाभ्यास किए, पहले पूर्वी नौसेना कमान में और फिर पिछले कुछ दिनों में पश्चिमी तट पर। युद्धाभ्यास बहुत ही पेशेवर तरीके से किए गए। मैं भारतीय नाविकों की भावना और उनके पेशेवर ज्ञान से बहुत प्रभावित हूं।’’

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

 

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