नई दिल्ली । अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में भारत की चतुर कूटनीति ने चीन को AUKUS के खिलाफ अपना प्रस्ताव वापस लेने के लिए मजबूर किया। बताया जा रहा है कि “अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) का सामान्य सम्मेलन 26-30 सितंबर, 2022 तक वियना में आयोजित किया गया था। चीन ने ऑस्ट्रेलिया को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों के साथ प्रदान करने की मांग के लिए AUKUS के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करने की कोशिश की ( लेकिन पारंपरिक हथियारों से लैस)।चीन ने तर्क दिया कि यह पहल परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत अपनी जिम्मेदारियों का उल्लंघन है। इसने इस संबंध में IAEA की भूमिका की भी आलोचना की।
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भारत ने आईएईए द्वारा तकनीकी मूल्यांकन की सुदृढ़ता को पहचानते हुए पहल का एक उद्देश्यपूर्ण दृष्टिकोण लिया। वियना में आईएईए में भारतीय मिशन ने इस संबंध में कई आईएईए सदस्य देशों के साथ मिलकर काम किया। भारत की सुविचारित भूमिका ने कई छोटे देशों को चीनी प्रस्ताव पर स्पष्ट रुख अपनाने में मदद की। यह महसूस करते हुए कि उसके प्रस्ताव को बहुमत का समर्थन नहीं मिलेगा, चीन ने 30 सितंबर को अपना मसौदा प्रस्ताव वापस ले लिया।