नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) अंग्रेजी बोलने में भारत वैश्विक औसत से ऊपर है, जिसमें दिल्ली पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान को दूसरा स्थान मिला है। पियर्सन की ‘वैश्विक अंग्रेजी प्रवीणता रिपोर्ट’ में यह जानकारी दी गई है।
पियर्सन की ओर से सोमवार को जारी की गई इस रिपोर्ट में भारत, फिलीपीन, जापान, मिस्र, कोलंबिया और यूरोप में अंग्रेजी दक्षता के रुझान का गहन विश्लेषण किया गया है।
पियर्सन वैश्विक अंग्रेजी प्रवीणता रिपोर्ट-2024 ने दुनिया भर में आयोजित लगभग 7,50,000 वर्सेंट परीक्षणों से डेटा को एकत्रित और विश्लेषित किया, जो वर्तमान कौशल स्तरों और उभरते हुए रुझानों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
‘वर्सेंट’ अंग्रेजी भाषा मूल्यांकन उपकरण है जो उम्मीदवारों की अंग्रेजी भाषा प्रवीणता का सटीक और कुशलतापूर्वक मूल्यांकन करता है, और व्यवसायों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप सर्वोत्तम प्रतिभा को नियुक्त करने में सहायता करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का अंग्रेजी कौशल का औसत स्कोर (52) वैश्विक अंग्रेजी कौशल के औसत स्कोर (57) से कम है, लेकिन देश का अंग्रेजी बोलने का औसत स्कोर (57) वैश्विक औसत (54) से अधिक है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत का अंग्रेजी लेखन का औसत स्कोर (61) वैश्विक लेखन के औसत स्कोर (61) के बराबर है।
दिल्ली सबसे अधिक अंग्रेजी बोलने के स्कोर (63) के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद राजस्थान (60) और पंजाब (58) का स्थान है।
पियर्सन के अंग्रेजी भाषा शिक्षण प्रभाग के अध्यक्ष जियोवानी जियोवानेली ने कहा, ‘‘आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में, अंग्रेजी दक्षता सिर्फ एक कौशल नहीं बल्कि एक रणनीतिक परिसंपत्ति है। पियर्सन वैश्विक अंग्रेजी प्रवीणता रिपोर्ट-2024 नियोक्ताओं को डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जिसकी उन्हें अपने कार्यबल को नियुक्त करने और विकसित करने के बारे में बेहतर निर्णय लेने के लिए आवश्यकता होती है।’’
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