जम्मू, नौ जनवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बृहस्पतिवार को केंद्र शासित प्रदेश में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा की और विशेष रूप से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों तथा आतंकवाद से संबंधित मामलों में दोषसिद्धि दर बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उपराज्यपाल ने पुलिस कार्रवाई में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जम्मू-कश्मीर में मामलों की त्वरित जांच के लिए निर्धारित समयसीमा का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए समर्पित प्रयास किए जाने पर भी जोर दिया।
आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि सिन्हा ने केंद्र शासित प्रदेश में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने एक जुलाई, 2024 से लागू हुए इन नए कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए क्षमता निर्माण और पुलिसकर्मियों तथा अन्य विभागों के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की।
उपराज्यपाल ने विशेष रूप से जघन्य अपराधों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद से संबंधित मामलों में दोषसिद्धि दर में सुधार लाने के महत्व पर बल दिया।
सिन्हा ने कहा, “हमें पुलिस कार्रवाई में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए तथा नए आपराधिक कानूनों में उल्लिखित जांच और सुनवाई के लिए समयसीमा का सख्ती से पालन करना चाहिए।”
उन्होंने अधिकारियों को नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन से पूर्व और बाद के चरणों का तुलनात्मक अध्ययन करने का निर्देश दिया।
भाषा प्रशांत नेत्रपाल
नेत्रपाल
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