मनमोहन सिंह के निधन से देश ने प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक महान इंसान खो दिया: पी के मिश्रा |

मनमोहन सिंह के निधन से देश ने प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक महान इंसान खो दिया: पी के मिश्रा

मनमोहन सिंह के निधन से देश ने प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक महान इंसान खो दिया: पी के मिश्रा

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Modified Date: December 27, 2024 / 05:37 PM IST
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Published Date: December 27, 2024 5:37 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया और कहा कि उनके जाने से देश ने प्रतिष्ठित नेता, एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक महान इंसान खो दिया है।

भारत में आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार रात को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे।

कांग्रेस नेता सिंह 2004 से 2014 तक, 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वैश्विक वित्तीय और आर्थिक क्षेत्रों में एक प्रसिद्ध नाम थे।

मिश्रा ने एक बयान में कहा, ‘‘डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक बहुत ही प्रतिष्ठित नेता, एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक महान इंसान को खो दिया है।’’

डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ी अपनी यादों का जिक्र करते हुए मिश्रा ने कहा कि जब वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में पढ़ाते थे, तब उन दिनों वह एम.ए. के प्रथम वर्ष के छात्र थे।

उन्होंने कहा, ‘‘उस दौर के दिग्गज प्रोफेसरों के बीच उन्हें पाना पश्चिमी ओडिशा के संबलपुर जिले से आये मेरे जैसे एक छात्र के लिए बहुत ही सुकून देने वाला था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे दिन थे जब अमर्त्य सेन, मृणाल दत्ता चौधरी, ए.एम. खुसरो, के.एन. राज, सुखमय चक्रवर्ती, धर्म कुमार और अन्य उन जैसे बहुत ही प्रतिष्ठित प्रोफेसर वहां पढ़ाते थे।’’

मिश्रा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के जटिल विषयों को हर छात्र की समझ में आने वाले तरीके से समझाने की अद्भुत क्षमता थी, जिससे छात्रों के लिए सीखना आसान हो जाता था।

उन्होंने कहा, ‘‘वे बेहद विनम्र और शांत स्वभाव के थे।’’

मिश्रा ने कहा कि बाद में उन्हें उनके साथ बातचीत करने का सौभाग्य मिला, जब प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव और भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में सचिव के रूप में काम कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैं उनसे मिला, मैंने उनके व्यवहार में वही सादगी, ईमानदारी और विनम्रता पाई। इस कठिन समय में मेरी गहरी संवेदनाएं और भावनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।”

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश

 

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