मोदी को लिखे पत्र में स्टालिन ने कहा, कच्चातीवु को वापस लेना मछुआरों की समस्याओं का एकमात्र समाधान

मोदी को लिखे पत्र में स्टालिन ने कहा, कच्चातीवु को वापस लेना मछुआरों की समस्याओं का एकमात्र समाधान

  •  
  • Publish Date - April 3, 2025 / 09:35 PM IST,
    Updated On - April 3, 2025 / 09:35 PM IST

चेन्नई, तीन अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पाक खाड़ी क्षेत्र में राज्य के मछुआरों के मछली पकड़ने के पारंपरिक अधिकारों की स्थायी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए श्रीलंका से कच्चातीवु द्वीप वापस लेने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।

मोदी को लिखे पत्र में स्टालिन ने दो अप्रैल, 2025 को विधानसभा में पारित प्रस्ताव का हवाला दिया, जिसमें श्रीलंका से कच्चातीवु द्वीप को वापस लेने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि समस्या की जड़ वर्ष 1974 में हुई भारत-श्रीलंका संधि (कच्चातीवु समझौता) है।

तमिलनाडु सरकार शुरू से ही कच्चातीवु समझौते का विरोध करती आई है। तमिलनाडु के सांसदों ने 1974 में कच्चातीवु को श्रीलंका को सौंपने का संसद में कड़ा विरोध किया था।

स्टालिन ने कहा ‘हमारे मछुआरों की लगातार गिरफ्तारी और बड़ी संख्या में उनकी नावों को जब्त करने से उनका जीवन स्थायी चिंता और संकट की स्थिति में आ गया है। गिरफ्तारी और जब्ती के कारण मछुआरों की आजीविका भी अनिश्चित हो गई है।”

उन्होंने कहा, ‘हमारे मछुआरों को अधिकतम कारावास की सजा दी जा रही है और उन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। इसके अलावा, उनकी नौकाओं को जब्त करके नीलाम किया जा रहा है। श्रीलंका के इन सभी आक्रामक कदमों ने हमारे मछुआरों को अत्यधिक गरीबी के कगार पर धकेल दिया है और कच्चातीवु को पुनः प्राप्त करना इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने का एकमात्र तरीका है।’

भाषा जोहेब पवनेश

पवनेश