आईएमडी ने पूर्वानुमान क्षमता में सुधार के लिए दिल्ली-एनसीआर में तीन और रडार लगाने की योजना बनाई |

आईएमडी ने पूर्वानुमान क्षमता में सुधार के लिए दिल्ली-एनसीआर में तीन और रडार लगाने की योजना बनाई

आईएमडी ने पूर्वानुमान क्षमता में सुधार के लिए दिल्ली-एनसीआर में तीन और रडार लगाने की योजना बनाई

:   Modified Date:  July 1, 2024 / 09:16 PM IST, Published Date : July 1, 2024/9:16 pm IST

नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को कहा कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अगले दो से तीन वर्षों में तीन और डॉप्लर रडार लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, बाढ़ चेतावनी मॉडल, अतिरिक्त स्वचालित मौसम केंद्र की स्थापना और मौसम पूर्वानुमान में सुधार के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।

महापात्र के अनुसार, पिछले सप्ताह दिल्ली में कुछ घंटे के दौरान भारी बारिश को बादल फटने की घटना नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह बादल फटने की घटना जैसी ही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की बहुत सीमित गतिविधि का पूर्वानुमान लगाना न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में एक चुनौती है। जब बड़े पैमाने पर सबंधित प्रणाली होती है, तो पूर्वानुमान लगाना आसान हो जाता है।’’

महापात्र ने बताया कि आईएमडी ने दिल्ली-एनसीआर में अपनी अवलोकन और पूर्वानुमान क्षमता को बढ़ाने के लिए एक परियोजना शुरू की है, जैसा कि उसने कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में किया था। उन्होंने कहा कि आईएमडी राष्ट्रीय राजधानी के लिए बाढ़ चेतावनी प्रणाली पर भी काम कर रहा है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मौजूदा तीन रडार के अलावा, दो से तीन साल में क्षेत्र में अलग-अलग आकार वाले तीन रडार लगाए जाएंगे। फिलहाल तीन रडार पालम, आयानगर और मौसम भवन में स्थित हैं।’’

महापात्र ने कहा कि शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र, सफदरजंग वेधशाला ने 28 जून को सुबह पांच बजे से छह बजे के बीच 91 मिमी बारिश दर्ज की। इसी तरह, लोधी रोड मौसम केंद्र ने सुबह पांच बजे से छह बजे तक 64 मिमी और सुबह छह बजे से सात बजे तक 89 मिमी बारिश दर्ज की।

आईएमडी के अनुसार, 20-30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश को बादल फटना कहा जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर-पश्चिम भारत में लंबे समय तक गर्मी ने वायुमंडल की नमी धारण करने की क्षमता को बढ़ा दिया है, जिससे दिल्ली में भारी बारिश की संभावना बढ़ गई है।’’

बड़े पैमाने पर मानसून की मौसम प्रणालियों ने दिल्ली-एनसीआर में ऐसी स्थितियां बनाईं, जिसके परिणामस्वरूप 28 जून की सुबह तेज आंधी चली और भारी बारिश हुई। सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार को सुबह 8.30 बजे से पहले के 24 घंटों में 228.1 मिमी वर्षा दर्ज की, जो जून की औसत वर्षा 74.1 मिमी से तीन गुना अधिक है। बारिश की यह मात्रा 1936 के बाद से 88 वर्षों में जून के लिए सबसे अधिक है।

आईएमडी के अनुसार, एक दिन में 124.5 से 244.4 मिमी के बीच होने वाली वर्षा को बहुत भारी वर्षा कहा जाता है।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत

 

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