नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) दक्षिणी दिल्ली के पॉश डिफेंस कॉलोनी का रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन लोधी काल के स्मारक, शेख अली की गुमटी पर छह दशकों से अधिक समय से अनधिकृत कब्जा रखने की वजह से उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि वहां के निवासियों से जुटा रहा है।
आरडब्ल्यूए प्रत्येक घर से एक-एक हजार रुपये जमा करा रहा है।
शीर्ष अदालत ने डिफेंस कॉलोनी आरडब्ल्यूए को ऐतिहासिक स्थल को कार्यालय के रूप में उपयोग करने के लिए 40 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष रंजीत सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘आवश्यक राशि एकत्र करने के लिए हम प्रत्येक घर से एक-एक हजार रुपये एकत्र कर रहे हैं। आधिकारिक नोटिस मिलने के बाद हम इस तरह जुर्माना भरने की योजना बना रहे हैं।’’
सिंह ने बताया कि अदालत के निर्देश के बाद आरडब्ल्यूए सदस्य और निवासी तुरंत योगदान देने के लिए आगे आए। उन्होंने बताया कि डिफेंस कॉलोनी में करीब 800 परिवार रहते हैं।
आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘डिफेंस कॉलोनी आरडब्ल्यूए के कुछ सदस्य बड़ी राशि का योगदान दे रहे हैं और मैं व्यक्तिगत रूप से बड़ी राशि का योगदान कर रहा हूं। इस तरह हम आवश्यक जुर्माना राशि जुटा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें उच्चतम न्यायालय से भुगतान के बारे में कोई औपचारिक नोटिस नहीं मिला है। हालांकि, जैसे ही नोटिस मिलेगा, राशि जमा करा दी जाएगी।
सिंह ने यह भी बताया कि एसोसिएशन ने ऐतिहासिक स्थल को खाली कर दिया है और उसे प्राधिकारियों को सौंप दिया है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने जुर्माना माफ करने से इनकार कर दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ अप्रैल की तारीख तय की।
पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह उचित होगा कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) द्वारा दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग को 40 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, जिसे स्मारक के संरक्षण और जीर्णोद्धार का कार्य सौंपा गया है।’’
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)