आईआईटी-मद्रास ने स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले में सांस्कृतिक उत्कृष्टता कोटा शुरू किया |

आईआईटी-मद्रास ने स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले में सांस्कृतिक उत्कृष्टता कोटा शुरू किया

आईआईटी-मद्रास ने स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले में सांस्कृतिक उत्कृष्टता कोटा शुरू किया

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Modified Date: December 17, 2024 / 04:00 PM IST
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Published Date: December 17, 2024 4:00 pm IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले में “ललित कला और संस्कृति उत्कृष्टता (एफएसीई)” कोटा शुरू करने वाला देश का पहला आईआईटी बन गया है। संस्थान के निदेशक वी. कामकोटि ने यह जानकारी दी।

कामकोटि के मुताबिक, एफएसीई कोटा शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कोटे का मकसद ललित कला और संस्कृति में उत्कृष्टता हासिल करने वाले छात्रों को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित करना है।

आईआईटी-मद्रास इससे पहले शैक्षणिक सत्र 2024-25 से स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले में खेल कोटा शुरू करने वाला पहला आईआईटी भी बना था।

कामकोटि के अनुसार, एफएसीई कोटा के तहत आईआईटी-मद्रास के सभी बीटेक और बीएस पाठ्यक्रमों में दो-दो सीटें आवंटित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इन दो सीटों में से एक महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगी, जबकि दूसरी सीट लिंग तटस्थ होगी।

कामकोटि ने कहा, “आईआईटी-मद्रास अपने प्रत्येक स्नातक पाठ्यक्रम में एफएसीई दाखिले के जरिये उन भारतीय नागरिकों और भारत के विदेशी नागरिकों/भारतीय मूल के व्यक्तियों (ओसीआई/पीआईओ) के लिए दो अतिरिक्त सीटें बनाकर सीटों की पेशकश करेगा। जिन अभ्यर्थियों ने जेईई (एडवांस्ड)-2025 के लिए पंजीकरण के समय भारतीय नागरिकों के समान समझे जाने का विकल्प चुना है, वे एफएसीए कोटे के तहत दाखिले के लिए पात्र होंगे।”

उन्होंने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थियों को इस कोटे के तहत दाखिले के लिए आईआईटी-मद्रास/एफएसीई प्रवेश पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा।

कामकोटि ने कहा, “एफएसीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (जेओएसएए) पोर्टल के जरिये नहीं, बल्कि आईआईटी-मद्रास के बनाए एक अलग पोर्टल पर होगी, जिसमें एफएसीई के माध्यम से दाखिला देने में दिलचस्पी रखने वाले अन्य आईआईटी भी हिस्सा ले सकते हैं। शैक्षणिक वर्ष 2025-2026 के लिए केवल आईआईटी-मद्रास ललित कला और संस्कृति उत्कृष्टता कोटे के तहत सीटों की पेशकश कर रहा है।”

उन्होंने बताया, “प्रत्येक अभ्यर्थी को उसकी श्रेणी के अनुसार ललित कला और संस्कृति में उसकी उत्कृष्टता के आधार पर अंक दिया जाएगा। विभिन्न ललित कला एवं संस्कृति कार्यक्रमों में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन या उन्हें प्राप्त पुरस्कारों या छात्रवृत्तियों के आधार पर उन्हें मिले कुल अंक के आधार पर एक अलग एफएसीई रैंक सूची (एफआरएल) तैयार की जाएगी।”

कामकोटि ने कहा कि पात्रता मानदंड के अनुसार अभ्यर्थी का जेईई (एडवांस्ड)-2025 उत्तीर्ण करना और कॉमन रैंक लिस्ट (सीआरएल) या श्रेणी-वार रैंक सूची में स्थान हासिल करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा, “रैंक सूची में स्थान ऐसी किसी भी श्रेणी में हो सकता है, जिसके लिए रैंक सूची तैयार की जाती है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आरक्षण का लाभ न बेकार जाए और अपेक्षित शैक्षणिक आवश्यकता कमतर न हो। अभ्यर्थी को आईआईटी के लिए पात्रता मानदंड के अनुसार 12वीं कक्षा में न्यूनतम आवश्यक अंक प्राप्त करने होंगे।”

कामकोटि ने बताया, “अभ्यर्थियों को ललित कला और सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी उत्कृष्टता के लिए चयनित श्रेणियों में से कम से कम एक में मान्यता हासिल होनी चाहिए।”

भाषा पारुल प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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