वैक्सीन की दूसरी डोज में हो जाए ज्यादा देरी, तो क्या फिर शुरू से लगानी होगी ? जानिए विशेषज्ञों की राय | If the second dose of the vaccine is delayed too much, will it be applied from the beginning? Know the opinion of experts

वैक्सीन की दूसरी डोज में हो जाए ज्यादा देरी, तो क्या फिर शुरू से लगानी होगी ? जानिए विशेषज्ञों की राय

वैक्सीन की दूसरी डोज में हो जाए ज्यादा देरी, तो क्या फिर शुरू से लगानी होगी ? जानिए विशेषज्ञों की राय

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 PM IST
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Published Date: May 12, 2021 10:08 am IST

नई दिल्ली। किसी कारण से कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज वक्त पर नहीं ले पाए तो क्या अगली डोज को पहली डोज ही माना जाएगा? यानी, तब एक और यानी कुल मिलाकर तीसरी डोज लेनी होगी? वैक्सीन शेड्यूल को लेकर इस तरह के उलझन कई लोगों के मन में हैं। जो दूसरी डोज के वक्त पूरी तरह स्वस्थ नहीं थे या फिर किसी और कारण से तय समय पर दूसरी डोज नहीं ले पाए, उन्हें एक्सपर्ट्स शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। ध्यान रहे कि अभी पहली डोज के 4 से 6 हफ्ते बाद दूसरी डोज लेने के लिए कहा जा रहा है।

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देश में अभी कोविशील्ड और कोवैक्सीन ही लगाए जा रहे हैं और नियम यह भी है कि जिस वैक्सीन की पहली डोज ली है, उसी की दूसरी डोज भी लेनी है। यानी, आप पहली डोज कोवैक्सीन और दूसरी कोविशील्ड की या फिर इसके उल्टा नहीं ले सकते। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आपने इन दोनों वैक्सीन में कोई भी लगवाई है और 4 से 6 हफ्ते से ज्यादा समय हो गया है लेकिन दूसरी डोज नहीं ले पाए तो यह मत सोचें कि पहली डोज भी बेकार चली गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूसरी डोज लेने में देरी का मतलब यह नहीं है कि अब नए शेड्यूल से दो बार वैक्सीन लगानी होगी। वो कहते हैं कि पहली वैक्सीन लेने के 6 हफ्ते बाद भी दूसरी डोज नहीं ले पाए तो भी आपको अब एक बार ही वैक्सीन लगानी है।

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टीकाकरण के बाद कुछ उलट परिस्थितियां पैदा होने पर नजर रखने वाली राष्ट्रीय समिति के सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा कहते हैं कि अगर दूसरी डोज लेने में देरी हो गई तो चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा, “हमें पता है कि कई लोग दूसरी डोज वक्त पर नहीं ले पा रहे हैं। उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए। अगर पहली डोज के बाद 6 हफ्ते की जगह 8 से 10 हफ्ते भी हो जाएं तो भी दूसरी डोज कारगर होती है। किसी को भी देर होने पर फिर से दो बार वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।”

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पुणे स्थित भारतीय वैज्ञानिक शिक्षा और शोध संस्थान के अनुसार वैक्सीन की पहली डोज लेते ही कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी तैयार होने लगती है जो दूसरी डोज लेने में देरी होने के कारण खत्म नहीं हो जाती। सिर्फ होता यह है कि आप जब तक दूसरी डोज नहीं लेते हैं तब तक आपमें भरपूर मात्रा में इम्यूनिटी पैदा नहीं हो पाती है। इसलिए, दूसरी डोज लेनी ही चाहिए। दूसरी डोज से पहली डोज की क्वॉलिटी और क्वांटिटी बढ़ जाती है। पहली डोज का असर तो शरीर में बना ही रहता है, लेकिन उसकी उम्र आधी होती है। वैक्सीन से जो ऐंटिबॉडी तैयार होती है वो मूलतः प्रोटीन होते हैं जो वक्त के साथ-साथ घटते रहते हैं, भले ही उनका इस्तेमाल हो या नहीं।

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विशेषज्ञों के अनुसार “पहली डोज से जो इम्यूनिटी पैदा हुई, वो संभवतः चार से पांच महीने बाद घटनी शुरू होगी।” कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोजों के बीच का अंतर 4 से बढ़ाकर 12 हफ्ते कर दिया गया। उन्होंने कहा, “कोवीशिल्ड पर अंतराराष्ट्रीय स्तर पर ट्रायल हुआ और 12 हफ्ते बाद दूसरी डोज देने पर भी यह पूरी तरह कारगर साबित हुआ।” वेल्लौर स्थित सीएमसी में माइक्रोबायॉलजी के प्रफेसर गगनदीप कांग कहते हैं कि अगर कोई व्य्कित वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद संक्रमित हो जाता है और 6 से 10 हफ्ते में उसकी रिकवरी हो जाती है तब भी उसे दूसरी डोज ले लेनी चाहिए।