नई दिल्ली: If Income Tax Return not filed अगर आप आयकर दाता हैं और अभी तक रिटर्न नहीं भर पाए हैं तो आपको मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। इस लापरवाही से आपको लंबा चौड़ा चूना लग सकता है। दरअसल आयकर रिटर्न की आखिरी तारिख 31 दिसंबर तय की गई है, जो अब से तीन दिन बाद है। यानि इन दिनों में अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किए तो मुसीबत आ सकती है। बता दें कि हर साल ITR दाखिल करने की सामान्य नियत तारीख है 31 जुलाई होती है, लेकिन इस साल कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर दिया गया था।
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If Income Tax Return not filed क्या होगा अगर नहीं फाइल किया नियत तिथि में रिटर्न
- यदि कोई आयकरदाता आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि से चूक जाते हैं, तो भी वे इसे अंतिम तिथि यानी 31 मार्च, 2022 तक दाखिल कर सकते हैं। चूंकि इस वर्ष नियत तारीख को बढ़ा दिया गया है, इसलिए अंतिम तिथि को भी 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया गया है। हालांकि, नियत तारीख के बाद आईटीआर दाखिल करने वालों के लिए एक दिक्कत होगी। वे चालू वर्ष के लिए किसी भी नुकसान को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे और चालू वर्ष की आय के खिलाफ सेट ऑफ नहीं किया जा सकता है।
- व्यावसायिक आय या पूंजीगत लाभ या गृह संपत्ति शीर्ष के तहत 2 लाख रुपए से अधिक की हानि को बाद के वर्ष के लिए आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो, जो व्यक्ति आगामी आईटीआर फाइलिंग की नियत तारीख से चूक जाते हैं, वे अगले साल किसी भी नुकसान को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे।
- एक अन्य कारक जिसके बारे में करदाताओं को अवगत होने की आवश्यकता है, वह यह है कि यदि वे देरी की अवधि के लिए भुगतान किए गए अतिरिक्त करों के लिए धनवापसी के हकदार हैं, तो उन्हें ब्याज का लाभ नहीं मिल सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि वे देय तिथि से चूक जाते हैं तो देरी के लिए करदाताओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
- जो लोग नियत तारीख तक अपना कर दाखिल करने में विफल रहते हैं, उन्हें आईटीआर दाखिल करते समय अनिवार्य रूप से 5,000 रुपए का शुल्क देना होगा, यदि कर योग्य आय 5,00,000 रुपए से अधिक है। अगर टैक्सेबल इनकम 5,00,000 रुपए से कम है तो लेट फीस 1,000 रुपए होगी।
- जाना होगा जेल या भरना होगा जुर्माना?
यदि कोई व्यक्ति विस्तारित देय तिथि (31 मार्च, 2022) तक आईटीआर दाखिल करने में विफल रहता है, तो आयकर विभाग न्यूनतम जुर्माना भी लगा सकता है जो कि कर के 50 प्रतिशत के बराबर होता है जिसे आईटीआर दाखिल नहीं करने से बचा जाता।
- गौरतलब है कि वर्तमान आयकर कानून 10,000 रुपए से अधिक कर से बचने के लिए न्यूनतम तीन साल की कैद और अधिकतम सात साल की सजा की अनुमति देते हैं।
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