विपक्ष के झूठे आरोपों के आधार पर इस्तीफा नहीं दूंगा : सिद्धरमैया |

विपक्ष के झूठे आरोपों के आधार पर इस्तीफा नहीं दूंगा : सिद्धरमैया

विपक्ष के झूठे आरोपों के आधार पर इस्तीफा नहीं दूंगा : सिद्धरमैया

:   Modified Date:  October 5, 2024 / 06:19 PM IST, Published Date : October 5, 2024/6:19 pm IST

रायचूर (कर्नाटक), पांच अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को फिर से कहा कि वह विपक्षी दलों के ‘‘झूठे आरोपों’’ के आधार पर पद से इस्तीफा नहीं देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वास्तविक स्थिति से राज्य के लोगों को अवगत कराएंगे।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर विपक्षी दल झूठे आरोपों के आधार पर (मेरा) इस्तीफा मांग रहे हैं, तो क्या मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए? हम झूठे आरोपों का जवाब देंगे। हम लोगों को सच्चाई बताएंगे।’’

मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन मामला सामने आने के बाद, कांग्रेस में व्यस्त राजनीतिक गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर सिद्धरमैया ने कहा कि लोग अनावश्यक रूप से अटकलें लगा रहे हैं।

इन गतिविधियों के तहत दलित और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के नेता बैठकें कर रहे हैं।

सिद्धरमैया ने हैरानगी जताते हुए कहा, ‘‘मंत्री इस विषय पर चर्चा करेंगे, लेकिन क्या आपको अटकलें लगानी चाहिए? जब राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलते हैं या विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एन एस बोसराजू किसी मंत्री से मिलते हैं तो लोग अटकलें लगाते हैं। पहले भी ऐसी बैठकें हुई हैं और अभी भी हो रही हैं लेकिन ऐसी अटकलों को बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है?’’

मैसुरु में, दशहरा समारोह के उद्घाटन के दौरान जनता दल (सेक्युलर) के वरिष्ठ विधायक जी टी देवेगौड़ा द्वारा उनका समर्थन किए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केवल सच बोला है।

उन्होंने पूछा, ‘‘जी टी देवेगौड़ा जद(एस) की कोर कमेटी के अध्यक्ष हैं और मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण के सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने केवल सच कहा है। इसमें गलत क्या है?’’

एक विशेष अदालत द्वारा 25 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस को एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में सिद्धरमैया के खिलाफ जांच करने का आदेश दिए जाने के बाद, विपक्षी दलों की ओर से मुख्यमंत्री पर पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ाया जा रहा है।

लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

विशेष अदालत का आदेश उच्च न्यायालय द्वारा सिद्धरमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को बरकरार रखने के एक दिन बाद आया था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सिद्धरमैया की पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ एक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है, जो पुलिस द्वारा दर्ज की जाने वाली प्राथमिकी के समान होती है।

इस बीच, सिद्धरमैया की पत्नी द्वारा भूखंडों का स्वामित्व और कब्जा छोड़ने के निर्णय के बाद, एमयूडीए ने उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस लेने का मंगलवार को निर्णय लिया था।

भाषा सुभाष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)