PM मोदी ने कहा 'आलोचकों का बहुत सम्मान करता हूं...लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम' | I have great respect for critics, but very few such people: Modi

PM मोदी ने कहा ‘आलोचकों का बहुत सम्मान करता हूं…लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम’

आलोचकों का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम: मोदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : October 2, 2021/8:16 pm IST

नयी दिल्ली, दो अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह आलोचकों का बहुत सम्मान करते हैं और कई दफा तो उन्हें इनकी कमी भी महसूस होती है क्योंकि लोग सिर्फ आरोप लगाते हैं और धारणा के आधार पर खेल करने का प्रयास करते हैं व इनकी संख्या बहुत ज्यादा है।

‘‘ओपन’’ पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने शासन से जुड़े विभिन्न पहलुओं और अपनी निजी जीवन यात्रा पर अपनी बात रखी और कहा, ‘‘मैं महसूस करता हूं और मेरी धारणा भी है कि मैं अपने स्वस्थ विकास के लिए बहुत ही खुले मन से आलोचनाओं को बहुत महत्व देता हूं। मैं ईमानदारी से आलोचकों का बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन दुर्भाग्यवश आलोचकों की संख्या बहुत कम है।’’

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आलोचना और आरोप का अंतर स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर लोग सिर्फ आरोप लगाते हैं, जो लोग धारणा के आधार पर खेल करने का प्रयास करते हैं, उनकी संख्या बहुत ज्यादा है जबकि आलोचना के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। उस बारे में अध्ययन करना पड़ता है। लेकिन आज की तेजी से भागती दुनिया में लोगों के पास इसके लिए फुर्सत नहीं है। लिहाजा कभी-कभार मैं आलोचकों की कमी भी महसूस करता हूं।’’

ज्ञात हो कि विपखी दल और कार्यकर्ताओं का एक समूह अक्सर प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हैं कि मोदी सरकार अपने आलोचकों के खिलाफ बदले की भावना से काम करती है। गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने के बाद शासन चलाने के मामले में सात अक्टूबर को दो दशक पूरा करने वाले मोदी ने कहा कि जीवन के शुरुआती चरण में राजनीति से से उनका कोई लेना देना नहीं था और उनका झुकाव आध्यात्म की ओर अधिक था। उन्होंने कहा कि ‘‘जनता की सेवा ही भगवान की सेवा है’’ के कथन ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया।

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उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक राजनीति की बात है, दूर-दूर तक मेरा इससे कोई नाता नहीं था। बहुत बाद में वह भी परिस्थितिवश और कुछ मित्रों के कहने पर मैं राजनीति से जुड़ा। वहां भी मैं संगठन कार्यों में मशगूल रहा।’’ मोदी युवावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे और बाद में वह भाजपा में शामिल हुए।

सामान्य परिवार में पले-बढ़े मोदी से प्रधानमंत्री बनने के उनके सफर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि देश की जनता ने उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और लगातार विश्वास जताया है जो उनके लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि यही हमारे लोकतंत्र की मजबूती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए जीवन स्तर ऊंचा कर लोगों को सशक्त करना उन्हें बहुत प्रेरित करता है। यह महत्वपूर्ण है कि हर युवा को मौका मिले। और जब मैं मौकों की बात करता हूं तो मेरा मकसद उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का होता है ताकि वह अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति कर सकें और सम्मान का जीवन जी सकें।’’