Russia-Ukraine war: अपने बयान पर शर्मिंदगी महसूस कर रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर, इस मामले में किया था भारत के रुख का विरोध |

Russia-Ukraine war: अपने बयान पर शर्मिंदगी महसूस कर रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर, इस मामले में किया था भारत के रुख का विरोध

Shashi Tharoor on Russia-Ukraine war: रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख का विरोध कर शर्मिंदगी महसूस करता हूं: थरूर

Edited By :  
Modified Date: March 18, 2025 / 09:38 PM IST
,
Published Date: March 18, 2025 8:30 pm IST
HIGHLIGHTS
  • रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद भारत के रुख का विरोध
  • थरूर ने की थी भारत के रुख की आलोचना 

नयी दिल्ली: Shashi Tharoor on Russia-Ukraine war, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद भारत के रुख का विरोध करना उनके लिए शर्मिंदगी भरी बात साबित हुई है। साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपनाई गई नीति के कारण देश अब उस स्थिति में है जहां वह स्थायी शांति के लिए भूमिका निभा सकता है।

उनका यह भी कहना था कि भारत ने जो नीति अपनाई है, उसके तहत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के रूस व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दोनों को गले लगा सकते हैं।

थरूर ने की थी भारत के रुख की आलोचना

Shashi Tharoor on Russia-Ukraine war, रूस ने जब फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था तो थरूर ने भारत के रुख की आलोचना की थी और मॉस्को के इस कदम की आक्रामकता की निंदा करने का आह्वान किया था।

read more: नौकरी के बदले जमीन घोटालाः राबड़ी देवी, तेज प्रताप ईडी के समक्ष पेश हुए, लालू बुधवार को तलब

‘रायसीना डायलॉग’ में पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘मैं आज भी शर्मिंदगी को खत्म करने का प्रयास कर रहा हूं क्योंकि संसदीय चर्चा के दौरान मैंने फरवरी 2022 में भारत के रुख की आलोचना की थी।’’

तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि उनकी आलोचना इस आधार पर थी कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हुआ था, सीमाओं के अतिक्रमण से संबंधित सिद्धांत का उल्लंघन हुआ था, यूक्रेन नामक एक सदस्य राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन हुआ था और भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए बल के उपयोग के विरोधी रहा हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उन सभी सिद्धांतों का उल्लंघन एक पक्ष द्वारा किया गया था और हमें इसकी निंदा करनी चाहिए थी। खैर, तीन साल बाद ऐसा लग रहा है कि मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं क्योंकि इस नीति का मतलब है कि भारत में वास्तव में एक प्रधानमंत्री हैं जो यूक्रेन के राष्ट्रपति और मॉस्को रूस के राष्ट्रपति दोनों को दो सप्ताह के अंतराल पर गले लगा सकते हैं और दोनों स्थानों उनकी स्वीकार्यकता है।

read more: मंत्री कोकाटे की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के फैसले में फिलहाल हस्तक्षेप नहीं: बंबई उच्च न्यायालय

1. शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की नीति की आलोचना क्यों की थी?

शशि थरूर ने फरवरी 2022 में भारत के तटस्थ रुख की आलोचना की थी क्योंकि रूस के हमले को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन माना था। उनका मानना था कि भारत को रूस की आक्रामकता की निंदा करनी चाहिए थी।

2. अब शशि थरूर अपनी पिछली स्थिति पर शर्मिंदगी क्यों महसूस कर रहे हैं?

थरूर का कहना है कि भारत की तटस्थ नीति के कारण अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रेन दोनों के नेताओं से मिल सकते हैं और शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

3. शशि थरूर ने भारत की विदेश नीति पर अब क्या विचार व्यक्त किए हैं?

उन्होंने स्वीकार किया कि भारत की नीति के कारण देश एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक स्थिति में पहुंच गया है, जिससे वह दोनों पक्षों के साथ संवाद कर सकता है और शांति प्रयासों में योगदान दे सकता है।

4. क्या भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी का पक्ष लिया है?

भारत ने इस युद्ध में तटस्थ रुख अपनाया है, न तो रूस की निंदा की है और न ही यूक्रेन को सैन्य समर्थन दिया है। भारत ने शांति और कूटनीतिक समाधान का समर्थन किया है।
 
Flowers