मैं मुख्यधारा का एकमात्र नेता हूं, जिसे सत्तारूढ़ दल ने प्रताड़ित किया है : इंजीनियर रशीद |

मैं मुख्यधारा का एकमात्र नेता हूं, जिसे सत्तारूढ़ दल ने प्रताड़ित किया है : इंजीनियर रशीद

मैं मुख्यधारा का एकमात्र नेता हूं, जिसे सत्तारूढ़ दल ने प्रताड़ित किया है : इंजीनियर रशीद

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Modified Date: September 15, 2024 / 05:28 PM IST
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Published Date: September 15, 2024 5:28 pm IST

(जेहरा शफी)

बारामूला, 15 सितंबर (भाषा) लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद ने उन आरोपों को दृढ़ता से खारिज किया है कि वह ‘‘पर्दे के पीछे’’ से भाजपा के सहयोगी के रूप में काम करते हैं और कहा कि आम चुनावों में उनकी चुनावी सफलता नरेन्द्र मोदी सरकार की ‘नया कश्मीर’ पहल के खिलाफ जनता की भावनाओं का प्रतिबिंब है।

इंजीनियर रशीद के नाम से लोकप्रिय रशीद ने ‘पीटीआई-वीडियो’ सेवा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि जो लोग उन्हें भाजपा का ‘‘सहयोगी’’ बता रहे हैं, उन्हें ‘‘खुद पर शर्म आनी चाहिए’’ क्योंकि वह खुद को मुख्यधारा का एकमात्र ऐसा नेता मानते हैं, जिसे सत्तारूढ़ पार्टी से ‘‘उत्पीड़न’’ का सामना करना पड़ा है।

रशीद ने पूर्व मुख्यमंत्रियों – नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती की भी आलोचना की और दावा किया कि दोनों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को निराश किया है, खासकर अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद अधिक निराशा हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग मुझ पर भाजपा का सहयोगी होने का आरोप लगाते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। मैं अकेला व्यक्ति हूं जिसे भाजपा ने प्रताड़ित किया है। उमर और महबूबा को कई महीनों तक एसकेआईसीसी में रखा गया था, मैं तिहाड़ जेल में बंद एकमात्र विधायक था।’’

उमर अब्दुल्ला को बारामूला लोकसभा सीट पर दो लाख से अधिक मतों से पराजित करने वाले रशीद ने कहा, ‘‘वह (अब्दुल्ला) न तो (महात्मा) गांधी बन सके और न ही सुभाष चंद्र बोस और इसी तरह महबूबा न तो (रानी) रजिया सुल्तान बन सकीं और न ही म्यांमा की आंग सान सू की। वे कठपुतली हैं, रबर स्टाम्प हैं..।’’

आतंक वित्तपोषण से संबंधित आरोपों में 2019 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए रशीद को 10 सितंबर को अपनी अवामी इत्तेहाद पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के वास्ते दो अक्टूबर तक की अंतरिम जमानत दी गई थी।

उन्होंने केंद्र सरकार के कार्यों, विशेष रूप से पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की आलोचना करते हुए दावा किया, ‘‘यह नरेन्द्र मोदी द्वारा मुझ पर और हर कश्मीरी पर किए गए अत्याचारों के खिलाफ वोट था।’’

लोकसभा सदस्य ने जोर देकर कहा कि लोगों की अपने अधिकारों और पहचान के प्रति प्रतिबद्धता मजबूत बनी हुई है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘नया कश्मीर’ का दृष्टिकोण उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

भाषा शफीक नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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