शिमला, एक सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश में शिमला के उपनगर संजौली में रविवार को सैकड़ों लोग एकत्र हुए और एक मस्जिद के ‘‘अवैध’’ निर्माण तथा शहर के मलाणा इलाके में एक कारोबारी पर हुए हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने कारोबारी पर हमला करने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की मांग की। उन्होंने अवैध ढांचे को ध्वस्त करने की भी मांग की।
शुक्रवार को हुए हमले में कारोबारी गंभीर रूप से घायल हो गया था। हमले में उसके सिर में चोट लगी थी।
शहर के विभिन्न हिस्सों से लगभग 500 लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया और शिमला में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की तथा इन ‘‘बाहरी लोगों’’ का पुलिस सत्यापन और पंजीकरण कराने की भी मांग की।
प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
अधिकारियों ने स्वीकार किया कि वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने ढांचे का एक हिस्सा अवैध है और इस विषय की सुनवाई शनिवार को नगर निगम अदालत में होगी।
उन्होंने कहा कि मामला संवेदनशील है और यह समुदायों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि कारोबारी पर हमले के मामले में हत्या के प्रयास की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासियों का पंजीकरण किया जाएगा।
नगर निकाय के एक अधिकारी ने कहा, ‘उक्त ढांचे की सबसे ऊपरी मंजिल अनधिकृत है और नगर निगम अदालत में कार्यवाही जारी है। निर्माण कार्य रोक दिया गया है।’
उन्होंने कहा कि एक महीने पहले अवैध रूप से एक शौचालय का निर्माण किया गया था, लेकिन 24 घंटे का नोटिस देने के बाद उसे ध्वस्त कर दिया गया था।
विवाद शुक्रवार रात शुरू हुआ, जब मलाणा क्षेत्र में उक्त कारोबारी और कुछ अन्य व्यापारियों पर अल्पसंख्यक समुदाय के आधा दर्जन लोगों ने सरिया और लाठियों से हमला कर दिया, जिसमें चार व्यापारी घायल हो गए। घटना के वक्त ये व्यापारी घर लौट रहे थे।
पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
भाषा योगेश सुभाष
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