Intresting Facts About Election: देश में हाल ही में 5 राज्यों में चुनाव है इसमें से 4 राज्यों में हो चुके है तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिग होगी। इन सभी 5 राज्यों के नतीजे एकसाथ 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। जिसे लेकर चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है। 3 दिसंबर को पांचो राज्यों को अपनी नई सरकार मिल जाएगी। लेकिन मतगणना से पहले ईबीएम को लेकर ऐसे कई सवाल मन में उठते है जो जानना हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। सबसे बड़ा सबाल होता है कि मतदान से लेकर काउंटिग तक जनता के मतों को कैसे सुरक्षित रखा जाता है? इसके अलावा भी आन लोगों के मन में कई सवाल पैदा होते है ऐसे ही कुछ सवालों के जबाव हम लेकर आए है जो आपे मन में भी कभी न कभी जरूर उठे होंगे।
Intresting Facts About Election: चुनाव तारीखों का ऐलान होने बाले दिन से मतगणना वाले दिन तक कई प्रॉसेस की जाती है। वोटों की गिनती की प्रक्रिया को समझने से पहले मतदान वाले दिन की आखिरी प्रॉसेस को भी समझना जरूरी है। वोटिंग खत्म होने के बाद कैंडिडेट के पोलिंग एजेंट की मौजूदगी में ईवीएम और वीवीपैट को कैरिंग केस में सीलबंद कर दिया जाता है। इसकी बकायदा वीडियोग्राफी करते हुए इसे डबल लॉक सिस्टम वाले स्ट्रॉन्ग में रखा जाता है। जहां ईबीएम और वैलेट पेपर सख्त पहरे में रहते है और मतों की गिनती वाले दिन तक ये यहीं से मतदान केंद्र तक ले जाई जाती हैं। सुरक्षा के लिहाज से उम्मीदवार के प्रतिनिधि चाहें तो स्ट्रॉन्ग रूप के सामने रुक सकते हैं। 24 घंटे इसकी पहरेदारी होती है। बकायदा स्ट्रॉंग रूम के बाहर पार्टियों के सदस्य ये देखने के लिए मौजूद रहे है कि कोई गड़बड़ी तो नहीं हो रही।
Intresting Facts About Election: इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, जिस स्ट्रॉन्ग रूम में वोट रखे जाते हैं, वहां सिर्फ एक दरवाजा होता है। यह चेक किया जाता है कि उसमें पहुंचने का कोई दूसरा रास्ता न हो। इसमें डबल लॉक सिस्टम होता है, जिसकी एक चाभी इसके इंचार्ज और एक चाभी एडीएम या इससे ऊपर की रैंक के अधिकारी के पास रहती है। स्ट्रॉन्ग रूम बनाते समय यह भी ध्यान रखा जाता है कि न तो बाढ़ की स्थिति में यहां तक पानी पहुंचे और न ही आग लगने का कोई खतरा हो।
Intresting Facts About Election: अब आपको बताते है कि स्ट्रांग रूम में ईबीएम और बेलेट पेपर कितने सुरक्षित रहते है। मतों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे सीएपीएफ गार्ड की तैनाती की जाती है। इनकी कमी होने पर केंद्र से भी मांग की जा सकती है। इसके अलावा 24 घंटे स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी सीसीटीवी कैमरे के जरिए की जाती है। स्ट्रॉन्ग रूम के सामने एक कंट्रोम रूम भी बनाया जाता है, जहां से उसकी सुरक्षा पर नजर रखी जाती है।
Intresting Facts About Election: राज्य में कई स्ट्रांग रूम बनाए जाते है। इसमें स्टेट पुलिस की भी भूमिका रहती है। स्टेट पुलिस की पूरी जिम्मेदारी होती है कि स्ट्रांग रूम कितना सुरक्षित है। हर स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा तय करने के लिए एक पुलिस ऑफिसर एक सरकारी अधिकारी के साथ पूरे समय वहां रहता है।
Intresting Facts About Election: जनता द्वारा दिया गया मत थ्री लेयर प्रोटेक्शन में रहता है। इसमें 3 घेरे होते है जिसमें अलग-अलग सुरक्षा बल तैनात रहता है। पहला घेरे में CAPF गार्ड का होता है। जो 24 घंटे इसकी निगरानी करते हैं। दूसरा घेरे में राज्य पुलिस की तैनाती की जाती है। और तीसरे सुरक्षा चक्र में डिस्ट्रिक्स एग्जीक्यूटिव फोर्स के गार्ड तैनात होते हैं। और किसी भी शख्स के लिए इस सुरक्षा चक्र को भेदना नामुमकिन होता है।
Intresting Facts About Election: एक सवाल यह भी उठता है कि अगर किसी कारणवश मतों की गणना में देरी हुई तो क्या होगा? इस सवाल का जवाब चुनाव आयोग ने दिया है। आयोग का कहना है कि ईवीएम की भी अपनी एक मेमोरी है। इसमें 10 सालों तक आपका वोट सुरक्षित रहता है। इसलिए मतगणना में देरी से आपके वोट पर कोई असर नहीं पड़ने वाला।
Intresting Facts About Election: चुनाव आयोग के मुताबिक, स्ट्रॉन्ग में लगातार बिजली की सप्लाई हो इसके लिए चीफ इलेक्शन ऑफिसर इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखता है। इसके बाद स्थानीय इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड यह तय करता है कि बिजली जाने के हालात न बने। इसके साथ ही जनरेटर की व्यवस्था भी की जाती है ताकि इमरजेंसी स्थिति में हालात को संभाला जा सके और यहां रखें मत सुरक्षित रहें। यह व्यवस्था मतों की गिनती खत्म होने तक जारी रहती है।
Intresting Facts About Election: स्ट्रांग रूम का ताला खोलते समय सबूत के तौर पर मतगणना की तड़के सुबह उसकी वीडियोग्राफी की जाती है। इस दौरान उम्मीदवार, रिटर्निंग ऑफिसर, ऑब्जर्वर मौजूद रहते हैं। जिसके बाद सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में ईवीएम को मतगणना केंद्र तक ले जाया जाता है। रिटर्निंग ऑफिसर ये तय करता है, मतगणना का केंद्र क्या होगा।
Intresting Facts About Election: आमतौर पर मतगणना की शुरुआत सुबह 8 बजे होती है। जिसके लिए अलग-अलग मतगणना केंद्रों पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी ARO की होती है। इससे पहले रिटर्निंग ऑफिसर और ARO यानी असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर वोट की गोपनीयता बनाए रखने की शपथ लेते हैं।
Intresting Facts About Election: मतगणना करने वाले काउंटिंग एजेंट की नियुक्ति पॉलिटिकल पार्टी करती हैं। मतगणना के दिन उम्मीदवार सुबह 5 बजे से पहले मतगणना केंद्र पर पहुंच जाते हैं। मतगणना से जुड़े लोगों को 6 बजे काउंटिंग टेबल तक पहुंचकर बैठने के लिए कहा जाता है।
Intresting Facts About Election: शपथ के बाद रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में मतगणना शुरू होती है। यह पूरी प्रक्रिया तीन स्टेज में चलती है। पहली, मतगणना करने वाले स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाती है। वहां उम्मीदवार अपने काउंटिंग एजेंट्स के साथ वहां मौजूद रहते हैं।
Intresting Facts About Election: दूसरे चरण में मतदान की शुरुआत सबसे पहले ETPB यानी इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट और फिर पोस्टल बैलेट से होती है। इस प्रक्रिया के 30 मिनट बाद ही तीसरी प्रॉसेस शुरू होती है, जिसमें ईवीएम से मतों से गिनती शुरू होती है। मतगणना कई राउंड में चलती है। जैसे-जैसे मतगणना पूरी होती जाती है, उस विधानसभा का डाटा इलेक्शन कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपडेट होता जाता है।
Intresting Facts About Election: मतगणना के बाद डाटा को कंट्रोल मेमोरी यूनिट में सुरक्षित रखा जाता है। यह तब तक रहता है जब इसे डिलीट न कर दिया जाए।
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