नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार कई राज्यों में कम हो गई है, इसके बाद से राज्यों को अनलॉक किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना के नए वेरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ की कई राज्यों में एंट्री हो गई है। कई जगहों पर ‘डेल्टा प्लस’ के नए मामले सामने आए हैं। ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के नए मामले सामने आने से डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंताएं बढ़ गई हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह कोरोना वायरस की तीसरी लहर बन सकती है।
Read More: कोवैक्सिन को लेकर बड़ी खबर, कोवैक्सीन 77.8% असरदार, फेज-3 के ट्रायल के डेटा को मंजूरी
यह नया ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट भारत में सबसे पहले सामने आए ‘डेल्टा या ‘B.1.617.2 वैरिएंट में म्यूटैंट से बना है। माना जता है कि भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा’ वैरिएंट भी था।
‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट को लेकर दिल्ली एम्स के बयोकेमेस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शुभ्रदीप कर्माकर जानकारी दी है। डॉ शुभ्रदीप ने बताया कि ‘डेल्टा प्लस’ काफी संक्रामक है और ये खतरनाक हो सकता है। ये बीमारी दोबारा अक्सर नए वैरिएंट के साथ आती है जो और भी खतरनाक हो सकता है। इस वायरस की प्रकृति म्यूटेट करने की है।
डॉ. कर्माकर ने कहा कि भारत सरकार जो वैक्सीन इस्तेमाल कर रही है वो बहुत प्रभावी है। इससे बहुत सुरक्षा मिलती है। जो भी लोग पात्र हैं वे वैक्सीन जरूर लगवाएं। इससे बीमारी की तीव्रता, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की संभावना बहुत कम हो जाती है। ऐसा स्टडी में पाया गया है।
उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस में अतिरिक्त म्यूटैंट K417N है, जो डेल्टा (B.1.617.2) को डेल्टा प्लस में बदलता है। ऐसी अटकलें हैं कि यह म्यूटैंट अधिक संक्रामक है और यह अल्फा वैरिएंट की तुलना में 35-60% अधिक संक्रामक है। यह संभावित रूप से संक्रामक हो सकता है, लेकिन भारत में यह संख्या अभी भी बहुत कम है। यह अब भी रुचि का एक वैरिएंट है और अभी चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि संक्रमित लोगों की संख्या कम है।
डॉ. कर्माकर ने बताया कि हर वैरिएंट एक अलग तरह की क्लीनिकल प्रतिक्रिया के साथ आता है। पिछले वैरिएंट में संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था, लेकिन अभी हमें यह नहीं पता कि डेल्टा प्लस वैरिएंट में किस तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे।
But in India, the numbers are still very low. It is still a variant of interest & not a variant of concern yet, as the number of infected people is low: Dr Subhradip Karmakar, Associate Professor, Department of Biochemistry, AIIMS#COVID19
— ANI (@ANI) June 22, 2021
माता-पिता को बेटी की शिक्षा के लिए धन देने के…
20 mins ago