अस्पताल आधुनिक समाज के मंदिर हैं, वहां तोड़फोड़ रोकें: केरल उच्च न्यायालय |

अस्पताल आधुनिक समाज के मंदिर हैं, वहां तोड़फोड़ रोकें: केरल उच्च न्यायालय

अस्पताल आधुनिक समाज के मंदिर हैं, वहां तोड़फोड़ रोकें: केरल उच्च न्यायालय

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Modified Date: December 20, 2024 / 07:10 PM IST
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Published Date: December 20, 2024 7:10 pm IST

कोच्चि (केरल), 20 दिसंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि अस्पताल ‘‘आधुनिक समाज के मंदिर’’ होते हैं, जहां लोग ‘‘स्वास्थ्य और आरोग्य के देवताओं को पूजते’’ हैं, इसलिए वहां किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति पी. वी. कुन्हीकृष्णन ने यह टिप्पणी सात दिसंबर को तिरुवनंतपुरम जिले के मुक्कोला स्थित एक आयुर्वेदिक अस्पताल में तोड़फोड़ करने और करीब 10,000 रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए की।

आरोपी पर लगाई गई जमानत शर्तों में से एक यह है कि वह संबंधित न्यायालय में 10,000 रुपये की धनराशि जमा कराए और मामले में बरी होने पर उसे यह धनराशि वापस कर दी जाएगी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर वह दोषी पाया जाता है और दंडित किया जाता है, तो जमा की गई राशि का उपयोग अस्पताल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘मेरा यह भी मानना ​​है कि विधानमंडल को केरल स्वास्थ्य सेवा व्यक्ति और स्वास्थ्य सेवा संस्थान (हिंसा और संपत्ति को नुकसान की रोकथाम) अधिनियम, 2012 में उचित संशोधन करने पर विचार करना चाहिए, ताकि इस प्रकार के मामलों में जमानत पाने के लिए ऐसी शर्त शामिल की जा सके।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि अस्पताल की इमारत महज एक भौतिक संरचना नहीं है, बल्कि ‘‘आशा और उपचार का प्रतीक’’ है और वहां किसी भी तरह की तोड़फोड़ से पुलिस को गंभीरता से निपटना चाहिए तथा न्यायपालिका को ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए।

अदालत ने कहा, ‘‘अस्पतालों में अनधिकार प्रवेश और तोड़फोड़ आजकल अस्पताल अधिकारियों के लिए एक समस्या बन गई है। इसका कारण उस अस्पताल से जुड़े चिकित्सकों, नर्सों, कर्मचारियों आदि की कथित लापरवाही या अवैध कृत्य हो सकते हैं।’’

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘लेकिन, उस उद्देश्य के लिए अस्पताल की इमारत या अस्पताल की सामग्री को नष्ट नहीं किया जा सकता। अस्पताल आधुनिक समाज के मंदिर हैं, जहां लोग स्वास्थ्य और आरोग्य के देवताओं को पूजते हैं। इसलिए अस्पतालों में किसी भी तरह की तोड़फोड़ से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।’’

इसलिए, ऐसे मामलों में जमानत देते समय कुछ प्रतिबंध आवश्यक हैं।

अभियुक्त पर लगाई गई अन्य जमानत शर्तों में 50,000 रुपये का मुचलका तथा समान राशि के दो जमानतदार प्रस्तुत करना शामिल है।

उच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपी को आवश्यकता पड़ने पर पूछताछ के लिए जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष उपस्थित होना होगा, जांच में सहयोग करना होगा तथा मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रलोभन, धमकी या वादा नहीं करना होगा।

इसके अलावा, आरोपियों को अदालत की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ने का भी निर्देश दिया गया है।

भाषा सुरभि दिलीप

दिलीप

 

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