नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि देश में घर खरीदारों के साथ हो रही धोखाधड़ी को लेकर बिल्डर-खरीदार के बीच समझौतों में एकरूपता लाने की आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘‘खरीदारों के साथ बिल्डर धोखाधड़ी कर रहे हैं और यही कारण है कि अब एकरूपता लाने की जरूरत है।’’
शीर्ष अदालत, वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा 2021 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
याचिका में कहा गया है कि पारदर्शिता एवं निष्पक्षता लाने तथा बिल्डरों और एजेंटों को अनुचित एवं गलत कारोबारी गतिविधियों में संलिप्त होने से रोकने के लिए एक ‘मॉडल’ समझौता की जरूरत है।
न्यायमित्र के रूप में न्यायालय को सहयोग कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता देवाशीष भरूखा ने पीठ से कहा कि मसौदा बिल्डर-खरीदार समझौतों के साथ एक अंतिम स्थिति रिपोर्ट रिकॉर्ड पर लाया गया है।
यह भी दलील दी गई कि राज्यों के सुझाव हासिल हुए और उन्हें सम्मिलित किया गया।
पीठ ने कहा कि वह न्याय मित्र की रिपोर्ट और उस पर आपत्तियों का अध्ययन करेगी।
इससे पहले, पीठ ने उद्योग संघों सहित हितधारकों को इन ‘मॉडल’ समझौतों पर अपने सुझाव केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को प्रस्तुत करने की अनुमति दी थी।
मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
भाषा सुभाष अविनाश
अविनाश
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