हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कृषि विश्वविद्यालय की भूमि पर्यटन विभाग को सौंपने पर रोक लगाई |

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कृषि विश्वविद्यालय की भूमि पर्यटन विभाग को सौंपने पर रोक लगाई

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कृषि विश्वविद्यालय की भूमि पर्यटन विभाग को सौंपने पर रोक लगाई

:   Modified Date:  September 25, 2024 / 05:37 PM IST, Published Date : September 25, 2024/5:37 pm IST

शिमला, 25 सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को झटका देते हुए संबंधित प्राधिकारियों को ‘पर्यटन गांव’ परियोजना के लिए चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय (सीएसकेएचपीकेवी), पालमपुर की 112 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को सौंपने से रोक दिया है।

न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की पीठ ने मंगलवार को अंतरिम आदेश पारित करते हुए मुख्य सचिव, पर्यटन और कृषि विभागों के सचिवों, कांगड़ा के उपायुक्त और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को 17 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।

यह अंतरिम आदेश हिमाचल प्रदेश कृषि शिक्षक संघ द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर पारित किया गया, जिसमें कहा गया था कि पर्यटन ग्राम परियोजना के लिए विश्वविद्यालय की भूमि के हस्तांतरण से कृषि शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

याचिकाकर्ता ने कहा कि स्थानीय लोगों ने इस संबंध में 29 अगस्त को राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था।

विश्वविद्यालय के सात पूर्व कुलपतियों ने भी राज्य सरकार से भूमि हस्तांतरित नहीं करने का अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छह सितंबर को सदन को बताया था कि चौधरी सरवण कुमार (सीएसके) कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर की 112 हेक्टेयर भूमि पर्यटन गांव स्थापित करने के लिए पर्यटन विभाग को देने का निर्णय हो चुका है तथा भूमि शीघ्र ही विभाग के हवाले कर दी जाएगी।

उन्होंने कहा था कि पिछले 48 वर्षों में विश्वविद्यालय द्वारा 50 हेक्टेयर भूमि भी विकसित नहीं की गई तथा भविष्य में यदि आवश्यकता पड़ी तो विश्वविद्यालय को निजी भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।

छात्रों, पूर्व छात्रों, शिक्षकों, गैर-शिक्षकों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और पूर्व कुलपतियों तथा विश्वविद्यालय ने मुख्यमंत्री से निर्णय पर पुनर्विचार करने तथा विश्वविद्यालय को भूमि वापस करने की अपील की है।

एक पत्र में कहा गया था कि विश्वविद्यालय की भूमि के हस्तांतरण से कृषि शिक्षा और कृषक समुदाय के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, विशेषकर ऐसे समय में जब सीएसकेएचपीकेवी पालमपुर को उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में उन्नत करने का प्रस्ताव केंद्रीय कृषि मंत्रालय के समक्ष सक्रियता से विचाराधीन है।

भाषा आशीष सुरेश

सुरेश

 

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