हिमाचल: संजौली मस्जिद के कुछ हिस्से ध्वस्त करने के मुद्दे पर मुस्लिम संगठनों की राय अलग-अलग |

हिमाचल: संजौली मस्जिद के कुछ हिस्से ध्वस्त करने के मुद्दे पर मुस्लिम संगठनों की राय अलग-अलग

हिमाचल: संजौली मस्जिद के कुछ हिस्से ध्वस्त करने के मुद्दे पर मुस्लिम संगठनों की राय अलग-अलग

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 05:32 PM IST, Published Date : October 10, 2024/5:32 pm IST

शिमला, 10 अक्टूबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश में यहां संजौली स्थित विवादित मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराए जाने के मुद्दे पर राज्य के दो मुस्लिम संगठन बंट गए हैं और उनकी राय अलग-अलग है।

शिमला नगर आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर को पांच मंजिला मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इसने वक्फ बोर्ड और मस्जिद समिति के अध्यक्ष को आदेश पर अमल करने के लिए दो महीने का समय दिया।

ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन (एएचएमओ) ने कहा है कि वह अपीलीय प्राधिकरण की अदालत में आदेश को चुनौती देगा और यदि आवश्यक हुआ तो उच्चतम न्यायालय का रुख करेगा। जबकि संजौली मस्जिद समिति पहले ही अनधिकृत हिस्सों को ध्वस्त करने के लिए अपनी मंजूरी दे चुकी है।

नगर निगम आयुक्त की अदालत ने यह भी पाया था कि मस्जिद समिति ने स्वयं अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने की पेशकश की थी।

ध्वस्त करने की मांग को लेकर 12 सितंबर को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान 10 लोगों के घायल होने के एक दिन बाद मुस्लिम कल्याण समिति ने नगर निगम आयुक्त को एक ज्ञापन देकर संजौली मस्जिद के एक अनधिकृत हिस्से को सील करने के लिए कहा और कहा कि वे खुद इस हिस्से को ध्वस्त कर देंगे।

एएचएमओ के राज्य प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने यहां बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि सदस्यों की एक बैठक में आम राय से निष्कर्ष निकाला गया कि जिन लोगों ने मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने का वचन दिया था, उनके पास ऐसा कोई भी प्रस्ताव देने का कोई अधिकार नहीं था। हाशमी ने यह भी कहा कि नगर निगम आयुक्त की अदालत का आदेश तथ्यों के विपरीत है।

उन्होंने कहा कि जमीन वक्फ बोर्ड की है। हाशमी ने कहा कि यह मस्जिद 125 साल पुरानी है और इसकी अनधिकृत मंजिलें अवैध नहीं हैं। उन्होंने कहा नक्शों की मंजूरी अधिकारियों के पास पड़ी है लेकिन नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मंजिलों को गिराने का आदेश दे दिया।

संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ, जो ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, ने बृहस्पतिवार को सवाल किया कि ये कौन लोग हैं जो बैठकें कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले ही 12 सितंबर को मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने की पेशकश की थी और हमें आदेश पर कोई आपत्ति नहीं है। हम अपने शब्दों पर कायम हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि ऐसी समितियों के पीछे कौन है।

इस बीच एएचएमओ के एक अन्य सदस्य मोहम्मद अफजल ने कहा कि लतीफ समिति के पूर्व अध्यक्ष हैं और वर्तमान में उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है तथा यह उनकी निजी राय हो सकती है।

भाषा संतोष माधव

माधव

 

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