High Court has set this condition to provide security to Hindu-Muslim couple

Hindu Girl and Muslim Boy Marriage: हिंदू लड़की से शादी करने वाला मुस्लिम युवक ने मांगी सुरक्षा, कोर्ट ने कहा- पहले करो ये काम फिर…

हिंदू लड़की से शादी करने वाला मुस्लिम युवक ने मांगी सुरक्षा, High Court has set this condition to provide security to Hindu-Muslim couple

Edited By :  
Modified Date: July 20, 2024 / 01:32 PM IST
,
Published Date: July 20, 2024 12:08 pm IST

नैनीताल: Hindu Girl and Muslim Boy Marriage उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ‘लिव-इन’ में रह रहे एक अंतरधार्मिक जोड़े की ओर से अपनी सुरक्षा के लिए दायर याचिका पर आदेश दिया है कि अगर जोड़ा खुद को 48 घंटे के भीतर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत पंजीकृत करवाता है, तो उसे आवश्यक सुरक्षा दी जाएगी। हांलांकि, सरकारी वकील ने स्पष्ट किया कि मामले में पेश हुए कनिष्ठ सरकारी वकील को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उत्तराखंड में यूसीसी की अधिसूचना जारी नहीं हुई है।

Read More : 24 carat sone ki kimat kya hai: तीन हजार रुपए सस्ता हुआ सोना, चांदी के दामों में भी ताबड़तोड़ गिरावट, जानें क्या है आज का ताजा भाव 

Hindu Girl and Muslim Boy Marriage सरकारी वकील ने कहा, “अब अदालत के आदेश में से यूसीसी वाले हिस्से को निकालने के बाद संशोधित आदेश जारी किया जाएगा। इसके लिए शनिवार को एक रिकॉल याचिका दायर की जाएगी। हालांकि, इस बीच युगल को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।” इस साल फरवरी में उत्तराखंड विधानसभा से पारित यूसीसी अधिनियम में प्रदेश में रहने वाले सभी धर्म-समुदाय के नागरिकों के लिए विवाह, संपत्ति, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक समान कानून लागू करने का प्रावधान है। अधिनियम में विवाह और लिव-इन में रहने वाले जोड़ों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। अधिनियम को प्रदेश के राज्यपाल और राष्ट्रपति दोनों से मंजूरी मिल चुकी है तथा उसे लागू करने के लिए नियमावली तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस से पहले प्रदेश में यूसीसी लागू करने की बात कह चुके हैं।

Read More : Patwari Strike : हड़ताल पर गए पटवारियों पर एक्शन, एसडीएम ने एक साथ इतने लोगों को किया निलंबित, संघ पदाधिकारियों को थमाया नोटिस 

मामले में लिव-इन संबंध में रह रही 26 वर्षीय हिंदु युवती और 21 वर्षीय मुसलमान युवक ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा था कि वे दोनों बालिग हैं और अलग-अलग धर्म को मानते हैं, लेकिन अपने परिवार वालों से डरकर उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली है। सरकारी वकील ने उत्तराखंड यूसीसी की धारा 378 (1) का हवाला देते हुए कहा कि उत्तराखंड में लिव-इन में रहने वाले जोड़ों को अपने बारे में जानकारी देते हुए रजिस्ट्रार के सामने अपना रिश्ता पंजीकृत कराना जरूरी है। वकील ने यह भी कहा कि संबंध जुड़ने के एक महीने के भीतर अगर वे उसका पंजीकरण नहीं करवाते, तो इसके लिए जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।

Read More : Delhi Metro Video Viral: इंटरनेट बंद करवाकर ही मानोगी क्या दीदी..! मेट्रों के अंदर ऐसी हरकत करने लगी लड़की, देखकर हैरान रह गए लोग 

न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने शुक्रवार को याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि अगर याचिकाकर्ता 48 घंटों के भीतर पंजीकरण के लिए आवेदन करते हैं, तो संबंधित थानाध्यक्ष छह सप्ताह के लिए उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध करवाएंगे। हालांकि, यूसीसी की अधिसूचना जारी न होने के मद्देनजर पंजीकरण वाले हिस्से में बदलाव के लिए शनिवार को रिकॉल याचिका दाखिल की जाएगी।