केरल में अगले कुछ दिन भारी बारिश की संभावना : आईएमडी |

केरल में अगले कुछ दिन भारी बारिश की संभावना : आईएमडी

केरल में अगले कुछ दिन भारी बारिश की संभावना : आईएमडी

:   Modified Date:  July 19, 2024 / 12:58 PM IST, Published Date : July 19, 2024/12:58 pm IST

तिरुवनंतपुरम/वायनाड, 19 जुलाई (भाषा) भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा है कि प्रायद्वीपीय भारत में मौसमी परिस्थितियों और हवा के रुख को देखते हुए अगले कुछ दिन केरल में भारी से बहुत भारी बारिश होगी।

आईएमडी ने कहा कि उत्तरी केरल तट से दक्षिणी गुजरात तट तक बने एक निम्न दबाव के क्षेत्र, उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और स्पष्ट रूप से चिह्नित निम्न दबाव के क्षेत्र और केरल तट पर चलने वाली तेज पश्चिमी/उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण अगले पांच दिनों तक दक्षिणी राज्य में मध्यम से भारी बारिश होगी।

आईएमडी ने कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड उत्तरी केरल के चार जिलों के लिए ‘आरेंज अलर्ट’ और पांच अन्य जिलों के लिए ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है।

‘रेड अलर्ट’ 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक, भारी से अत्यधिक भारी बारिश को इंगित करता है, जबकि ‘आरेंज अलर्ट’ का मतलब छह से 20 सेमी तक बहुत भारी बारिश है। ‘यलो अलर्ट’ का मतलब छह से 11 सेमी के बीच भारी बारिश है।

मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये अलर्ट हैं… ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (कार्रवाई के लिए तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत है)।

राज्य में खासकर उत्तरी मालाबार क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई, पेड़ गिर गए, मामूली भूस्खलन हुआ और यातायात बाधित हुआ है।

जिला प्रशासन ने बताया कि वायनाड में मुथंगा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 766) पर बाढ़ आने के कारण 25 वाहनों में करीब 400 यात्री आधी रात से कई घंटों तक फंसे रहे।

उसने कहा कि पुलिस, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय लोगों के सहयोग से अग्निशमन विभाग द्वारा तीन घंटे से अधिक समय तक चलाए गए अभियान के बाद लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

इसके अलावा लगातार बारिश के कारण, शुक्रवार को सुबह तक पहाड़ी जिले में स्थापित 42 शिविरों में 2,300 से अधिक लोगों को लाया गया है। बारिश के कारण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, करीब 29 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 125 हेक्टेयर भूमि पर फसलें नष्ट हो गई हैं।

भाषा यासिर मनीषा

मनीषा

 

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