चंडीगढ़, 23 मार्च (भाषा) हरियाणा के बहादुरगढ़ में हुए विस्फोट में एक महिला और उसके तीन बच्चों की मौत होने के मामले में उसके पति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि विस्फोट की साजिश कथित तौर पर उसके पति ने ही रची थी। इस घटना में महिला का पति भी घायल हुआ है।
बहादुरगढ़ के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मयंक मिश्रा ने बताया कि उत्तराखंड के रुद्रपुर निवासी ट्रांसपोर्टर हरिपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि ये मौतें आकस्मिक नहीं थीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी।
पुलिस ने बताया कि शनिवार शाम को दमकल की गाड़ियों ने बहादुरगढ़ के सेक्टर 9 में मकान में लगी आग को बुझाया था और मकान से चार शव बरामद किये थे। पुलिस को शुरू में यह संदेह था कि एयर कंडीशनर (एसी) के कंप्रेसर में विस्फोट होने के कारण आग लगी थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालांकि विस्तृत जांच में पता चला कि सिंह ने पहले अपने परिवार को नींद की गोलियां देकर बेहोश कर दिया, फिर रस्सी से उनका गला घोंट दिया और धारदार हथियार से उन पर हमला कर दिया।
उन्होंने बताया कि बाद में उसने उन पर ईंधन डाला और आग लगा दी।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने खुद को भी मारने का प्रयास किया, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाया। उन्होंने बताया कि हालांकि उसने पहले ही एक ‘सुसाइड नोट’ लिख लिया था, जिसे पुलिस ने मकान से बरामद कर लिया।
मिश्रा ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ में उसने अपनी बहन और जीजा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरी कहानी बताई है।
उन्होंने बताया कि सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि सिंह को शनिवार को घटनास्थल पर घायल अवस्था में पाया गया था और उसे रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआईएमएस) के लिए रेफर किया गया था।
इसने बताया कि शवों की पहचान सिंह की 38 वर्षीय पत्नी, 11 वर्षीय बेटी तथा 17 और नौ वर्ष के दो बेटों के रूप में की गई।
पुलिस ने बताया कि पता चला है कि एयर कंडीशनर की आंतरिक इकाई में विस्फोट आग लगने के बाद हुआ।
पुलिस ने बताया कि 12 पृष्ठ के ‘सुसाइड नोट’ में सिंह ने आरोप लगाया है कि उसकी बहन और जीजा ने धोखाधड़ी से उसका मकान अपने नाम पर पंजीकृत करा लिया है।
इसने बताया कि सिंह ने यह भी लिखा था कि वह पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने जा रहा है।
पुलिस ने ‘सुसाइड नोट’ का हवाला देते हुए कहा, ‘‘मैंने अपने बच्चों को उनसे बचाने की कोशिश की। इसीलिए मैंने गलत पहचान बताकर बहादुरगढ़ के सेक्टर 9 में एक मकान किराए पर लिया। अब मैं इधर-उधर भागते-भागते थक गया हूं। इसलिए मैं अपने परिवार के साथ मौत को गले लगा रहा हूं।’’
भाषा देवेंद्र रंजन
रंजन
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